धार्मिक ही नहीं, वैचारिक केंद्र भी बनेगा वाराणसी, विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अगले दिन होगा भाजपा के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन
सरकार की कोशिश वाराणसी की धार्मिक गरिमा को स्थापित करने के साथ-साथ उसे एक अत्याधुनिक वैचारिक केंद्र के रूप में उभारने की है। दरअसल प्राचीन काल से ही वाराणसी सिर्फ धार्मिक आस्था का ही नहीं बल्कि वैचारिक विमर्श भी केंद्र रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप में सामने आने के बाद वाराणसी धर्म के साथ-साथ राष्ट्रीय सम्मेलनों का केंद्र भी बनेगा। इसकी शुरुआत 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम को प्रधानमंत्री के लोकार्पण के साथ ही हो जाएगी। काशी की गरिमा के अनुसार आयोजन भव्य होगा और इसमें प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के मंत्रियों के अलावा सभी मुख्यमंत्रियों को भी परिवार के साथ आने का न्यौता दिया गया है।
दूसरे ही दिन वाराणसी में भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों व उप मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होगा। जबकि तीन दिन बाद देश के सभी मेयरों का अगले सप्ताह उन्नतिशील किसानों का सम्मेलन भी होने जा रहा है। इसके बाद जनवरी में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर युवा सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा।
14 दिसंबर को भाजपा के मुख्यमंत्रियों का होगा सम्मेलन
सरकार की कोशिश वाराणसी की धार्मिक गरिमा को स्थापित करने के साथ-साथ उसे एक अत्याधुनिक वैचारिक केंद्र के रूप में उभारने की है। दरअसल प्राचीन काल से ही वाराणसी सिर्फ धार्मिक आस्था का ही नहीं, बल्कि वैचारिक विमर्श भी केंद्र रहा है। लोकार्पण के अगले दिन 14 दिसंबर को भाजपा के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होगा। तीन दिन बाद यानी 17 दिसंबर को अखिल भारतीय मेयर सम्मेलन का आयोजन तय है। मेयर सम्मेलन के एक हफ्ते बाद ही देश के उन्नतिशील किसानों का सम्मेलन भी वाराणसी में ही बुलाया गया है। इसी तरह 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
एक महीने तक चलने वाले आयोजनों की हो जाएगी शुरुआत
बता दें कि काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर का 13 दिसंबर को लोकार्पण पीएम मोदी करेंगे। इसी के साथ काशी में एक महीने तक चलने वाले आयोजनों की शुरुआत हो जाएगी। इसमें भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन, देश के सभी महापौरों की सम्मेलन के अलावा हर दिन अलग-अलग आयोजन होने हैं। काशी चलो अभियान के तहत पूरे देश से वाराणसी के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी।