कोई आक्सीजन कंसंट्रेटर कस्टम में नहीं फंसा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- गलत हैं सभी खबरें
मारीशस से 200 रूस से 20 ब्रिटेन से चार खेप में 669 रोमानिया से 80 आयरलैंड से 700 थाईलैंड से 30 चीन से एक हजार और उज्बेकिस्तान से 151 आक्सीजन कंसंट्रेटर मिले हैं। वहीं ताइवान ने भी 150 आक्सीजन कंसंट्रेटर भेजे हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को इन खबरों को गलत बताया कि सीमा शुल्क यानी कस्टम के वेयरहाउसों में क्लीयरेंस में देरी की वजह से आक्सीजन कंसंट्रेटर फंसे हुए हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह खबर पूरी तरह से गलत, तथ्यों से परे और आधारहीन है। वहीं, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने स्पष्ट किया है कि कस्टम के पास कोई कंसंट्रेटर लंबित नहीं है। सीबीआइसी ने कहा कि विदेश से आने वाले इस तरह के सभी सामान की तुरंत क्लीयरिंग की जा रही है और देश के किसी भी पोर्ट पर इस तरह का कोई माल क्लीयरेंस की वजह से लंबित नहीं है।
दुनिया के विभिन्न देशों से मदद के तौर पर भारत को तीन हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर मिले हैं। इनमें से मारीशस से 200, रूस से 20, ब्रिटेन से चार खेप में 669, रोमानिया से 80, आयरलैंड से 700, थाईलैंड से 30, चीन से एक हजार और उज्बेकिस्तान से 151 आक्सीजन कंसंट्रेटर मिले हैं। इसके अलावा ताइवान ने भी 150 आक्सीजन कंसंट्रेटर भेजे हैं। सीबीआइसी ने कहा कि उसके वेयरहाउसों में कोई आक्सीजन कंसंट्रेटर नहीं है। विदेश से मिले सभी कंसंट्रेटर को सड़क या हवाई मार्ग से गंतव्य तक भेज दिया गया है। विभाग ने कहा कि वह आयात किए गए आक्सीजन और उससे जुड़े उत्पादों की उपलब्धता के महत्व को समझता है। अन्य सामान की तुलना में आक्सीजन कंसंट्रेटर और उससे जुड़े सामान को प्राथमिकता के आधार पर क्लीयिर किया जा रहा है।हाल ही यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में उठा था। सरकार ने तब भी कहा था कि कस्टम के पास कोई आक्सीजन कंसंट्रेटर नहीं फंसा है।