आत्मनिर्भर भारत के लिए इन्फ्रा परियोजनाओं का समय पर पूरा होना जरूरी : गडकरी

नेशनल प्रोग्राम एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पॉलिसी फ्रेमवर्क (एनपीएमपीएफ) के आयोजन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए नीतीन गडकरी ने बुधवार को कहा कि ईमानदार अधिकारियों को समर्थन देने की जरूरत है अन्यथा वे निर्णय नहीं ले पाएंगे।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:58 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:58 AM (IST)
आत्मनिर्भर भारत के लिए इन्फ्रा परियोजनाओं का समय पर पूरा होना जरूरी : गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि समय पर पूरी होने वाली इन्फ्रा परियोजनाएं आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करेंगी। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के लिए पर्यावरण संबंधी मंजूरी लेना अभी भी बहुत बड़ी समस्या है। नेशनल प्रोग्राम एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पॉलिसी फ्रेमवर्क (एनपीएमपीएफ) के आयोजन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए गडकरी ने बुधवार को कहा कि ईमानदार अधिकारियों को समर्थन देने की जरूरत है, अन्यथा वे निर्णय नहीं ले पाएंगे।

गडकरी ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण नियमन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण नियमनों से समझौता नहीं करना चाहते हैं, लेकिन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी में बहुत अधिक देरी से खासा मौद्रिक नुकसान होता है।

उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पर्यावरणीय मंजूरी में देरी के कारण अपनी विभिन्न परियोजनाओं पर 2 लाख करोड़ रुपये और विवादों पर 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गडकरी के अनुसार, तेजी से निर्णय लेने, त्वरित पर्यावरण और वन मंजूरी, वित्त की उपलब्धता और परियोजनाओं को जल्दी या समय पर पूरा करने जैसे मुद्दों पर धायान दिया जाना चाहिए। गडकरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकारी अधिकारियों को जमीनी स्तर पर समस्याओं की पहचान करनी चाहिए।

इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बुनियादी ढांचा आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ की हड्डी है। नए भारत में हम चाहते हैं कि सभी को गुणवत्तापूर्ण बंदरगाह, सड़कें, रेल और हवाई मार्ग उपलब्ध हों। उन्होंने यह भी कहा कि देश में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लागू करने के तरीके को बदलने जा रहा है।

नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भारत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मुद्दों के समाधान के लिए बंधन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन प्रथाओं को अपनाने से कई परियोजनाओं के समन्वय के माध्यम से आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।भारत को अपनी आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 2040 तक लगभग 4.5 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी।

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