खतरा पूरी तरह टला नहीं, 100 करोड़ टीके एक सुरक्षा कवच- नीति आयोग

नीति आयोग ने कहा वैक्सीन की सुरक्षा और उपयोगिता को लेकर देशवासियों में जो संशय या पूर्वाग्रह थे उन्हें दूर करना पड़ा। देश के कोने-कोने में वैक्सीन पहुंचाना एक बहुत बड़ा काम था जिसमें हम लोगों को जी-जान से जुटना पड़ा।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 02:20 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 02:20 AM (IST)
खतरा पूरी तरह टला नहीं, 100 करोड़  टीके एक सुरक्षा कवच- नीति आयोग
खतरा पूरी तरह टला नहीं, 100 करोड़ टीके एक सुरक्षा कवच- नीति आयोग

नई दिल्ली, आइएएनएस। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा.वीके पाल का कहना है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। 100 करोड़ टीके लगाकर हम लोगों ने एक सुरक्षा कवच बना लिया है। लेकिन जिन लोगों ने अभी वैक्सीन नहीं लगवाई है उनके लिए खतरा बरकरार है। उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आना चाहिए। साथ ही उन्होंने जायडस कैडिला की वैक्सीन जायको वी-डी को लगाने के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत पर जोर दिया।

डा.पाल ने कहा कि कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ बातचीत अंतिम दौर में है। उन्होंने कहा कि दुनिया में बहुतों ने नहीं सोचा होगा कि भारत अपने लोगों को नौ महीने में एक अरब टीके लगा सकता है वह भी भारत में निर्मित दो वैक्सीन के बलबूते। यह आत्मनिर्भर भारत का एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से हम लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है। हम लोग अपने दम पर इतने बड़े संकट का सामना कर सकते हैं। अब हम न केवल पूरी दुनिया में इस महामारी का रुख मोड़ सकते हैं बल्कि अन्य बीमारियों में निपटने के लिए शोध और विकास कार्यो में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।

डा. पाल ने कहा कि हम लोगों को इस मुकाम पर पहुंचने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी। वैक्सीन की सुरक्षा और उपयोगिता को लेकर देशवासियों में जो संशय या पूर्वाग्रह थे उन्हें दूर करना पड़ा। देश के कोने-कोने में वैक्सीन पहुंचाना एक बहुत बड़ा काम था जिसमें हम लोगों को जी-जान से जुटना पड़ा।

जायको वी डी वैक्सीन के लिए खास प्रशिक्षण जरूरी

वीके पाल ने कहा है कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए मंजूर की गई जायडस कैडिला की वैक्सीन जायको वी-डी के प्रशासन (लगाने) के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत है। उल्लेखनीय है देश की यह वैक्सीन, पहली सुई-मुक्त कोरोना वैक्सीन है। इसे देश में आपातकालीन उपयोग के लिए 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए अनुमोदित किया गया है।

डाक्टर पाल ने कहा कि जायको वी डी वैक्सीन एक डीएनए वैक्सीन है। 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए इसका लाइसेंस दिया गया है। यह एक अत्यंत सुरक्षित, घरेलू वैक्सीन है जिसे डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नालाजी (डीबीटी) की फंडिंग से बनाया गया है। यह एक बहुत ही खास टीका है। यह भारत की एक उपलब्धि है। हमें इस पर गर्व है। जायको वी डी वैक्सीन के आवेदन के बारे में आगे बताते हुए उन्होंने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, यह सिरिंज या सुई के माध्यम से नहीं बल्कि यह एक एप्लिकेटर या जेट के माध्यम से दी। एप्लिकेटर का उपयोग करने के लिए प्रावधान और प्रशिक्षण चल रहा है।

chat bot
आपका साथी