नीति आयोग ने कहा- कृषि कानून वापस हुए तो कोई सरकार 10-15 साल तक फिर नहीं ला पाएगी

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने शुक्रवार को कहा कि अगर नए कृषि कानूनों को वापस लिया गया तो कोई सरकार इन्हें अगले 10-15 साल तक फिर लाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी। अगर ऐसा हुआ तो यह किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए काफी नुकसानदायक होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 02:10 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 02:10 AM (IST)
नीति आयोग ने कहा- कृषि कानून वापस हुए तो कोई सरकार 10-15 साल तक फिर नहीं ला पाएगी
रमेश चंद ने कहा कि कृषि का मसला अब काफी जटिल हो चुका।

नई दिल्ली, प्रेट्र। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने शुक्रवार को कहा कि अगर नए कृषि कानूनों को वापस लिया गया तो कोई सरकार इन्हें अगले 10-15 साल तक फिर लाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी। अगर ऐसा हुआ तो यह किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए काफी नुकसानदायक होगा। उन्होंने केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच जारी गतिरोध को 'अहम का टकराव' करार दिया।

रमेश चंद ने कहा- कृषि का मसला अब काफी जटिल हो चुका

मीडिया से बातचीत में रमेश चंद ने कहा कि कृषि का मसला अब काफी जटिल हो चुका है और जहां तक सुधारों की बात है तो उन्हें लगता है कि हर कोई इससे सहमत है। उन्हें लगता है कि आंदोलनकारी किसान भी सुधारों के पक्ष में हैं, लेकिन संभवत: वे चाहते हैं कि सरकार पहले उन्हें वापस ले और फिर नए कानून लाए।

रमेश चंद ने कहा- हमें कृषि क्षेत्र को खोलने और लागत को घटाने की जरूरत है

उन्होंने कहा कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की चिंताओं के प्रति काफी लचीलापन दिखाया है। रमेश चंद ने कहा, 'हमें कृषि क्षेत्र को खोलने की जरूरत है। इसके पीछे मजबूत तर्क हैं.. हमें निर्यात प्रतिस्पर्धी होने की जरूरत है, हमें अपने लागत को घटाने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि कृषि के जिन क्षेत्रों को खोला गया है उनमें काफी वृद्धि हुई है।

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