देश भर के जिला अस्पतालों के कामकाज पर नीति आयोग की रिपोर्ट, विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर

भारत में जिला अस्पतालों के प्रदर्शन मूल्यांकन की रिपोर्ट जिला अस्पतालों के कामकाज में अपनाए जा रहे तौर-तरीके में कहा गया है कि सभी के लिए स्वास्थ्य को एक वास्तविकता बनाने के लिए प्रत्येक नागरिक की सुरक्षित तथा विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 01:05 AM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 01:05 AM (IST)
देश भर के जिला अस्पतालों  के कामकाज पर नीति आयोग की रिपोर्ट, विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर
देश भर के जिला अस्पतालों के कामकाज पर रिपोर्ट जारी

नई दिल्ली, प्रेट्र। नीति आयोग (Niti Ayog) के सदस्य वीके पाल (VK Paul) ने गुरुवार को सेहतमंद समाज के निर्माण में जिला अस्पतालों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि उन्नत माध्यमिक देखभाल प्रदान करने में उनकी अहम भूमिका के बावजूद दुर्भाग्य से कुछ कमियां भी हैं।

जिला अस्पतालों के परफार्मेंस की रिपोर्ट 

नीति आयोग ने गुरुवार को भारत में जिला अस्पतालों के प्रदर्शन मूल्यांकन की रिपोर्ट जारी की, जिसका शीर्षक 'जिला अस्पतालों के कामकाज में अपनाये जा रहे तौर-तरीके' है। पाल ने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य को एक वास्तविकता बनाने के लिए प्रत्येक नागरिक की सुरक्षित तथा विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत है।

एक सरकारी बयान में कहा गया कि डा वीके पाल ने स्वस्थ समाज के निर्माण में जिला अस्पतालों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। ये अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं की एक व्यापक पहुंच प्रदान करने के साथ एक बड़ी आबादी की सभी जरूरतों को पूरा करते हैं। बयान में पाल के हवाले से कहा गया है कि नीति आयोग द्वारा किया गया जिला अस्पतालों का प्रदर्शन मूल्यांकन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कमियों का जिक्र

नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि उन्नत माध्यमिक देखभाल प्रदान करने में उनकी (जिला अस्पतालों की) महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, दुर्भाग्य से कुछ कमियां भी हैं, चाहे वह मानव संसाधनों की कमी हो, क्षमता, उपयोग और सेवा में वृद्धि की बात हो। इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन की भारतीय इकाई ने आपसी सहयोग से तैयार किया है।

भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आइपीएचएस), 2012 दिशानिर्देश के तहत जिला अस्पतालों को प्रति एक लाख आबादी पर कम से कम 22 बिस्तर की सिफारिश की गई है। यह सिफारिश 2001 की जनगणनना के जिला जनसंख्या औसत पर आधारित है। प्रदर्शन आकलन में कुल 707 जिला अस्पताल शामिल हुए। इसके लिए वर्ष 2017-18 के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआइएस) के आंकड़ों को आधार बनाया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 707 जिला अस्पतालों में से कुल 101 ने सभी संचालन विशेषताओं वाले 14 मानदंडों को पूरा किया। तमिलनाडु में सभी संचालन विशेषताओं वाले अस्पतालों का अनुपात सबसे अधिक था। इसके बाद कर्नाटक, बंगाल और केरल का स्थान है।

नीति आयोग के अनुसार 217 जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख आबादी पर कम से कम 22 बिस्तर पाए गए। यह पाया गया कि जिन जिलों में आबादी कम है, वहां बुनियादी ढांचे से संबद्ध प्रदर्शन से जुड़े प्रमुख संकेतकों की स्थिति बेतहर है। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ इंडिया) के सहयोग से तैयार की गई है। देश में जिला अस्पतालों की संख्या 800 से अधिक हैं। ये अस्पताल लोगों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

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