नीति आयोग ने किया साफ, वैज्ञानिकों की सलाह पर बढ़ाया गया दो डोज के बीच का अंतराल

नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य और वैक्सीन पर गठित टास्कफोर्स के प्रमुख डाक्टर वीके पाल ने कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतराल बढ़ाने के फैसले को वैक्सीन की कमी से जोड़े जाने पर दुख जताया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 09:55 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 10:58 PM (IST)
नीति आयोग ने किया साफ, वैज्ञानिकों की सलाह पर बढ़ाया गया दो डोज के बीच का अंतराल
नीति आयोग ने कोविशील्ड की डोज के बीच अंतराल बढ़ाने को वैक्सीन की कमी से जोड़ने पर दुख जताया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। नीति आयोग के सदस्य और वैक्सीन पर गठित टास्कफोर्स के प्रमुख डाक्टर वीके पाल ने कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतराल बढ़ाने के फैसले को वैक्सीन की कमी से जोड़े जाने पर दुख जताया है। उनके अनुसार यह फैसला कोविशील्ड के देश-विदेश में मिले डाटा के विश्लेषण के आधार पर विज्ञानियों की सलाह पर किया गया है। उन्होंने इसका कोई मतलब नहीं निकालने का आग्रह किया।

डाक्टर वीके पाल ने लोगों को देश के विज्ञानियों पर भरोसा रखने की अपील करते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत पूरी दुनिया में उनकी पहचान है और उनके फैसलों पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी रोटा वायरस व अन्य टीकों को इन्हीं स्वतंत्र विज्ञानियों के संगठन एनटागी (नेशनल टेक्नीकल एडवायजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेशन) की सलाह के अनुसार लगाया जाता रहा है।

भारत में सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान की सफलता में इसकी अनुसंशा का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि इन विज्ञानियों पर कोई दबाव नहीं है और वे सिर्फ डाटा के आधार पर अपनी अनुसंशा करते हैं। एनटागी में विज्ञानियों के बीच डाटा को लेकर पूरी बहस होती है और उसके बाद ही वे किसी एक फैसले पर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक फैसलों का कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

भारत में कोविशील्ड की दो डोज का अंतराल बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते किए जाने के अगले ही दिन ब्रिटेन द्वारा 12 हफ्ते से कम कर आठ हफ्ते कर देने के बारे में पूछे जाने पर वीके पाल ने कहा कि ब्रिटेन ने अपने विज्ञानियों की सलाह के आधार पर फैसला लिया है और हमने अपने विज्ञानियों की सलाह पर लिया है। 

इधर बीते कुछ दिनों की तेजी से बाद फिर टीकाकरण में सुस्ती देखने को मिली है। एक दिन में मात्र 11 लाख से कुछ ही ज्यादा डोज दी गईं हैं जबकि एक दिन पहले ही करीब 20 लाख टीके लगाए गए थे। भारत में टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी।

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