हेल्थ सेक्टर में सुधार के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को साथ मिलाने पर गौर कर रहा नीति आयोग
नीति आयोग पारंपरिक एवं आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को एक साथ मिलाते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में आमूलचूल सुधार के उपायों पर विचार कर रहा है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल (VK Paul) ने कहा कि समाज के बड़े लाभ के लिए इस दिशा में तालमेल बिठाने की गुंजाइश है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नीति आयोग (Niti Aayog) जन कल्याण के लिए पारंपरिक एवं आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को एक साथ मिलाते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में आमूलचूल सुधार के उपायों पर विचार कर रहा है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल (VK Paul) ने रविवार को बताया कि सरकार चिकित्सा की पारंपरिक प्रणाली (Homoeopathy and Ayurveda) के साथ आधुनिक उपचार पद्धति यानी एलोपैथी (Allopathy) को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि यह एक बढ़िया विचार है कि जन कल्याण के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों को एक साथ लाया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा वक्त में एकीकृत प्रैक्टिस के तरीके उपलब्ध हैं। यह काफी हद तक पहले से जारी है। यही नहीं मौजूदा वक्त में तो हाइपरटेंशन समेत कई बीमारियों के लिए इलाज में योग को चिकित्सा प्रणाली के तौर पर आजमाया भी जा चुका है। समाज के बड़े लाभ के लिए इस दिशा में तालमेल बिठाने की गुंजाइश है।
वीके पॉल (VK Paul) ने आगे कहा कि एक शोध संस्थान के रूप में हम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के कई विचारों पर गौर कर रहे हैं। इसमें हम जनकल्याण के लिए पारंपरिक एवं आधुनिक नजरिए में अधिक तालमेल की संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं। भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (India's National Health Policy, NHP) भारतीय चिकित्सा प्रणाली की आधुनिक विज्ञान और आयुर्वेद के संयोजन (जीनोमिक्स, Genomics) के लिए एकीकृत पाठ्यक्रमों की जरूरत को पहचानती है।
उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के सदस्य की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में संक्रमितों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। लगातार तीसरे दिन बीते 24 घंटे में कोरोना के मामलों की संख्या 55 हजार से कम रही जबकि करीब तीन महीने के बाद एक दिन में मृतकों की संख्या घटकर 578 हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 78,64,811 हो गई है जबकि मृतकों का आंकड़ा 1,18,534 पर पहुंच गया है।