India- China Border Tension: चीन पर ही है सीमा पर तनाव कम करने की जिम्मेदारी : भारत

बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं। अब तक की बातचीत में भारत ने साफ कह दिया है कि सीमा पर तनाव घटाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से चीन पर है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 09:04 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 11:35 PM (IST)
India- China Border Tension: चीन पर ही है सीमा पर तनाव कम करने की जिम्मेदारी : भारत
एलएसी पर टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना मकसद

नई दिल्ली, प्रेट्र। करीब ढाई महीने के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच रविवार को नौवें दौर की बातचीत हुई। 11 घंटे से अधिक समय तक चली वार्ता में भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि चीन पर ही तनाव कम करने की पूरी जिम्मेदारी है। कोर कमांडर स्तर की इस वार्ता का मुख्य मकसद पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना था। यह बैठक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर मोल्डो सीमावर्ती क्षेत्र में सुबह 10 बजे शुरू हुई और रात नौ बजे के बाद तक चलती रही। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया। सूत्रों ने बताया कि भारत ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि एलएसी पर टकराव के सभी बिंदुओं से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया दोनों तरफ से एक साथ शुरू होनी चाहिए। कोई भी एकतरफा दृष्टिकोण उसे स्वीकार नहीं है। चीन का इस बात पर जोर है कि रणनीतिक रूप से अहम स्थानों से पहले भारत अपने सैनिकों को पीछे हटाए।

सीमा पर तैनात हैं भारत के 50 हजार जवान

भारत का यह भी कहना है कि एलएसी पर अप्रैल, 2020 से पहले की स्थिति बहाल हो। पूर्वी लद्दाख में पहली बार पिछले साल पांच मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ था। उसके बाद से भारी ठंड के इस मौसम में पूर्वी लद्दाख में भारत ने सभी अहम बिंदुओं पर 50 हजार से अधिक जवानों को तैनात कर रखा है। ये जवान किसी भी हालात का सामना करने के लिए हर वक्त तैयार हैं। चीन ने भी अपनी तरफ इतने ही सैनिकों की तैनाती की है।

इससे पहले आठ दौर की हो चुकी है बातचीत

तनाव को कम करने और सैनिकों को हटाने को लेकर अब तक दोनों देशों के बीच आठ दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है। कूटनीति स्तर पर भी दोनों के बीच बातचीत हुई है। 12 अक्टूबर को हुई सातवें दौर की वार्ता में चीन ने दबाव बनाया था कि भारत पेंगोंग झील के दक्षिणी किनारे से लगने वाली चोटियों से अपने सैनिकों को हटाए।

एससीओ में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच भी हुई थी वार्ता

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 10 सितंबर, 2020 को मॉस्को में हुई बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अलग से भी बैठक की थी। इसमें लद्दाख में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए पांच बिंदुओं पर काम करने की सहमति बनी थी। लेकिन चीन के रवैये के चलते इन बिंदुओं पर भी आगे बात नहीं बढ़ पाई।

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