नौ राज्‍यों के पोल्‍ट्री फार्मों तक पहुंचा बर्ड फ्लू, 12 राज्यों ने जंगली पक्षियों में वायरस की पुष्टि की

केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि मौजूदा वक्‍त में नौ राज्यों ने पोल्ट्री फार्मों तक बर्ड फ्लू के पहुंचने की पुष्टि की है जबकि 12 राज्यों ने कौवों प्रवासी एवं जंगली पक्षियों में इस वायरस की पुष्टि की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 10:36 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 10:57 PM (IST)
नौ राज्‍यों के पोल्‍ट्री फार्मों तक पहुंचा बर्ड फ्लू, 12 राज्यों ने जंगली पक्षियों में वायरस की पुष्टि की
नौ राज्यों ने पोल्ट्री फार्मों तक बर्ड फ्लू के पहुंचने की पुष्टि की है

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि मौजूदा वक्‍त में नौ राज्यों ने पोल्ट्री फार्मों तक बर्ड फ्लू के पहुंचने की पुष्टि की है जबकि 12 राज्यों ने कौवों, प्रवासी एवं जंगली पक्षियों में इस वायरस की पुष्टि की है। मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय (Ministry of Fisheries Animal Husbandry and Dairying) ने बताया कि 27 जनवरी तक नौ राज्यों में पोल्ट्री पक्षियों में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के प्रकोप की पुष्टि हुई है। इन राज्‍यों में केरल, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्‍य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश और पंजाब शामिल हैं। 

मंत्रालय (Ministry of Fisheries Animal Husbandry and Dairying) ने यह भी बताया कि देश के कुल 12 राज्‍यों में कौवों, प्रवासी एवं जंगली पक्षियों में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र के नांदेड़, सोलापुर, पुणे, अहमदनगर, बुल्ढ़ाणा, अकोला, नासिक और हिंगोली जिलों में जबकि गुजरात के भावनगर जिले और छत्तसगढ़ के धमतारी जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। वहीं उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग वन संभाग में कौओं, गुजरात के जूनागढ़ में तीतर और महाराष्ट्र के बीड में मोर में बर्ड फ्लू का वायरस पाया गया है। 

मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश और गुजरात के प्रभावित क्षेत्रों में नियंत्रण अभियान जारी है। बयान में कहा गया है कि जिन जगहों पर पॉल्ट्री के अलावा अन्य पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है वहां निगरानी लगातार जारी है। 

पॉल्ट्री किसानों को अनुग्रह के बारे में मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने बर्ड फ्लू रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रभावित क्षेत्र में तथा उसके एक किलोमीटर के दायरे में पॉल्ट्री और अन्य पक्षियों को मारने, अंडे नष्ट करने और पक्षियों का खाना आदि फेंकने और अभियान से जुड़े अन्य खर्च के लिए 1.3 करोड़ रुपये की राशि दी है। मंत्रालय ने कहा कि किसानों को केंद्र और राज्य की ओर से 50:50 के अनुपात में मुआवजा दिया जाएगा।

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