मिसाइल उपकरण ले जा रहे चीनी पोत मामले की एनआइए करेगी जांच, पिछले साल का है मामला
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआइए ने 17 सितंबर को मामला दर्ज किया है। आटोक्लेव उपकरण लेकर जाने और उसके बारे में जानकारी छिपाने के लिए दीनदयाल बंदरगाह पर भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों ने चीनी व्यापारिक पोत दा कुई युन को अपने कब्जे में ले लिया था।
नई दिल्ली, एएनआइ। गुजरात में कांडला बंदरगाह पर पिछले साल पहुंचे चीनी पोत से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। इस पोत से 'आटोक्लेव' उपकरण को पाकिस्तान में कराची ले जाया जा रहा था। इस उपकरण का इस्तेमाल औद्योगिक कार्यो के अलावा बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में भी होता है।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआइए ने 17 सितंबर को मामला दर्ज किया है। 'आटोक्लेव' उपकरण लेकर जाने और उसके बारे में जानकारी छिपाने के लिए दीनदयाल (पूर्व में कांडला) बंदरगाह पर भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों ने चीनी व्यापारिक पोत 'दा कुई युन' को अपने कब्जे में ले लिया था।
यह पोत पिछले साल तीन फरवरी को कांडला बंदरगाह पर पहुंचा था और चार-पांच फरवरी की मध्यरात्रि में पाकिस्तान में कराची के कासिम बंदरगाह के लिए रवाना होने में सफल रहा था। लेकिन बाद में हांगकांग के ध्वज वाले इस पोत को कब्जे में ले लिया गया था और सीमा शुल्क अधिकारियों ने इस पर लदे 'आटोक्लेव' उपकरण को जब्त कर लिया था। उस समय खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ सीमा शुल्क, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) की टीमों ने उपकरण की जांच की थी।
यह पोत 17 जनवरी, 2020 को चीन के जियांगयिन बंदरगाह से रवाना हुआ था। पिछले साल तीन फरवरी को इस पोत से कांडला बंदरगाह पर करीब 2,480 टन वजन की मशीनरी उतारी गई थी। अधिकारियों का कहना है कि पहली नजर में इस पोत ने स्पेशल कैमिकल्स, आर्गनिज्म, मैटीरियल्स, इक्विपमेंट एंड टेक्नोलाजीस (स्कोमेट) रेगुलेशंस का उल्लंघन किया है।
श्रीलंकाई नागरिकों से जुड़े मामले की एनआइए ने शुरू की जांच
वहीं, दूसरी ओर एनआइए की एक टीम अवैध रूप से रह रहे 38 श्रीलंकाई नागरिकों को जून में हिरासत में लिए जाने सबंधी मामले की जांच के लिए रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम पहुंची। श्रीलंकाई नागरिकों को कर्नाटक के मेंगलुरु में राज्य पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था।