एनआइए ने केरल में सोना तस्करी को आतंकवाद से जोड़ा, FIR दर्ज कर शुरू की जांच
Kerala Gold Scandal Case एनआइए ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत इस मामले में शामिल लोगों पर एफआइआर दर्ज की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनआइए ने केरल में डिप्लोमैटिक बैग में बड़े पैमाने पर सोना तस्करी को देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थायित्व पर खतरा बताते हुए आतंकी कार्रवाई करार दिया है। गृहमंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद एनआइए ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून की आतंकवाद से जुड़ी धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की है। खुद केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने का अनुरोध किया था।
एफआइआर दर्ज करने के बाद आधिकारिक बयान जारी कर एनआइए ने यूएई के डिप्लोमैटिक बैग के माध्यम से सोना तस्करी लंबे से चलने की आशंका जताई है। सोना तस्करी का मुख्य आरोपी और यूएई के कांसुलेट का पूर्व जनसंपर्क अधिकारी सरीथ पीएस इसके पहले भी इस तरह से कई डिप्लोमैटिक बैग ले चुका है। एनआइए ने सरीथ पीएस को आरोपी बनाया है। इसके अलावा स्वप्ना सुरेश, संदीप नायर और फाजिल फरीद का नाम भी एफआइआर में है। स्वप्ना सुरेश के साथ मुख्यमंत्री के विजयन के नजदीकी को लेकर केरल में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है कि विपक्ष मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है।
आर्थिक स्थिरता पर हमले की कोशिश
एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में सोना तस्करी सीधे तौर पर देश की आर्थिक स्थिरता पर हमले की कोशिश है। साथ ही इसका उपयोग आतंकी फंडिंग के लिए किये जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल मामला संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का केरल स्थित कांसुलेट के लिए भेजे गए डिप्लोमैटिक बैग में 15 करोड़ रुपये मूल्य के 30 किलो सोना मिलने का है। मामला खुलने के बाद केरल के प्रमुख सचिव एम शिवशंकर को पद से हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय व सरकार के वरिष्ठ अधिकारी पूरे मामले को रफा-दफा करने के लिए कस्टम के अधिकारियों पर दबाव बना रहे थे।