कोरोना के चलते ट्रांसजेंडरों के जीवनयापन पर संकट, एनएचआरसी ने राज्यों से मांगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को ट्रांसजेंडरों की दुर्दशा पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) पेश करने का आदेश दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 09:12 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 02:34 AM (IST)
कोरोना के चलते ट्रांसजेंडरों के जीवनयापन पर संकट, एनएचआरसी ने राज्यों से मांगा जवाब
कोरोना के चलते ट्रांसजेंडरों के जीवनयापन पर संकट, एनएचआरसी ने राज्यों से मांगा जवाब

नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission, NHRC) ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को ट्रांसजेंडरों की दुर्दशा पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) पेश करने का आदेश दिया है। आयोग ने रविवार को यह आदेश वकील व मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी की तरफ से दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में वकील राधाकांत ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की महामारी के दौरान ट्रांसजेंडर के सामने जीवनयापन की समस्या पैदा हो गई है।

राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें उन्हें जीवनयापन के लिए मूलभूत सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध कराने में विफल रही हैं। इस दौरान जबकि पूरा देश महामारी से जूझ रहा है ट्रांसजेंडर न तो डांस आदि का पारंपरिक काम कर पा रहे हैं न ही छोटे-मोटे दूसरे कामों की शुरुआत कर पा रहे हैं। यहां तक कि समाज कल्याण की योजनाएं भी इस वर्ग के लिए मृगतृष्णा साबित हो रही हैं। त्रिपाठी ने अपनी याचिका में कहा कि सामाजिक बहिष्कार के कारण यह समुदाय गंदी जगहों में रहने को मजबूर है। केंद्र या राज्य सरकार की ओर से न तो घर आवंटित होता है और न ही शौचालय।

त्रिपाठी ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि ट्रांसजेंडर रोजी-रोटी, पानी, चिकित्सा व प्राथमिक शिक्षा जैसे अधिकारों से वंचित हैं। बीते दिनों समाचार एजेंसी पीटीआइ की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों में अधिकारियों के तौर पर भर्ती के लिए ट्रांसजेंडर लोगों को यूपीएससी की वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण कानून को अधिसूचित किया था। इस कानून के तहत जवान की भूमिका समेत सभी क्षेत्रों और सेवाओं में ट्रांसजेंडरों को समान मौके दिए जाने जरूरी हैं।  

chat bot
आपका साथी