कोरोना पीड़ि‍तों का अंतिम संस्कार करने वाले कामगारों की दुर्दशा पर राज्‍यों को एनएचआरसी का नोटिस

एनएचआरसी ने दिल्ली महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्य सचिवों और श्रम विभाग के प्रधान सचिवों को नोटिस जारी किया है। आयोग ने कोविड-19 से जिनकी मौत हुई उनके अंतिम संस्कार में जुटे कामगारों की दुर्दशा को लेकर दाखिल एक याचिका पर जवाब मांगा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 07 Aug 2021 07:27 PM (IST) Updated:Sat, 07 Aug 2021 08:21 PM (IST)
कोरोना पीड़ि‍तों का अंतिम संस्कार करने वाले कामगारों की दुर्दशा पर राज्‍यों को एनएचआरसी का नोटिस
एनएचआरसी ने दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्य सचिवों और श्रम विभाग के प्रधान सचिवों को नोटिस जारी किया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्य सचिवों और श्रम विभाग के प्रधान सचिवों को नोटिस जारी किया है। आयोग ने कोविड-19 से जिनकी मौत हुई उनके अंतिम संस्कार में जुटे कामगारों की दुर्दशा को लेकर दाखिल एक याचिका पर जवाब मांगा है। एनएचआरसी ने मुख्य सचिवों और दिल्ली, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के श्रम विभाग से मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अपने आदेश में एनएचआरसी ने कहा, 'शिकायत में जो आरोप लगाए गए हैं वे गंभीर प्रकृति के हैं और मानवाधिकार का उल्लंघन करते हैं।

इस तरह के मामलों में दयनीय स्थितियां, पीड़ा और कोविड-19 से मरने वालों के अंतिम संस्कार, श्मशान, कब्रिस्तान में काम करने वाले कामगारों को कानूनन तय मजदूरी नहीं दिया जाना, कोविड-19 दिशानिर्देश का उल्लंघन करते हुए खराब कार्य स्थितियां और राज्य के अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही को आयोग ने अत्यंत गंभीरता से लिया है।' एनएचआरसी में सुप्रीम कोर्ट के वकील एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी ने अर्जी दाखिल कराई है। आयोग ने अधिकारियों से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। 

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटे में 38 हजार से कुछ ज्यादा नए मामले पाए गए हैं लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ी है और इस दौरान 617 लोगों की जान गई है। कई दिनों बाद नए मामलों से ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। इस तरह सक्रिय मामलों में भी दो हजार की कमी आई है। सक्रिय मामले दो हजार घटकर 4,12,153 रह गए हैं, जो कुल संक्रमितों का 1.29 फीसद है। इस दौरान ज्यादा मरीजों के ठीक होने से उबरने की दर में भी मामूली वृद्धि हुई है और मृत्युदर पहले जितनी ही बनी हुई है। दैनिक और साप्ताहिक संक्रमण दर अभी भी तीन फीसद से नीचे है।

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