NHRC ने श्रम मंत्रालय को जारी किया नोटिस, दिल्ली में लापरवाही के कारण कोविड से मरने वालों के परिजनों को दिया जाए दो लाख रुपया

एनएचआरसी (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मंत्रालय दिल्ली में ईएसआई अस्पताल की डाक्टरी लापरवाही से मरने वाले कोविड रोगियों के परिजनों को 2 लाख रुपये की मौद्रिक राहत की सिफारिश की जाए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:55 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 06:49 PM (IST)
NHRC ने श्रम मंत्रालय को जारी किया नोटिस, दिल्ली में लापरवाही के कारण कोविड से मरने वालों के परिजनों को दिया जाए दो लाख रुपया
एनएचआरसी ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया है

नई दिल्ली, एएनआइ। एनएचआरसी (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मंत्रालय दिल्ली में ईएसआई अस्पताल की डाक्टरी लापरवाही के कारण मरने वाले कोविड रोगियों के परिजनों को 2 लाख रुपये की मौद्रिक राहत की सिफारिश की जाए।

NHRC issues notice to Union Ministry of Labour and Employment to show cause why it should not recommend Rs 2 lakhs as monetary relief to the next of kin of a COVID-19 patient, who died due to medical negligence of ESI hospital in Delhi pic.twitter.com/nDuWfWQQcL— ANI (@ANI) October 26, 2021

कोरोना से मौत पर मिलेगा 50 हजार रुपये

ज्ञात हो कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एलान किया था कि कोरोना से होने वाली मौत पर पीड़ित परिजनों को 50 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना पर मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि ये मुआवजा राज्यों की अनुग्रह राशि देने की अन्य योजना से अलग होगा। ये मुआवजा भविष्य में होने वाली मौतों पर भी लागू होगा। इसका भुगतान राज्य आपदा राहत कोष से होगा। कोर्ट ने कहा कि लाभार्थी का पूरा विवरण प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किया जाए। अदालत ने कहा कि मृतक के परिजनों को 50,000 रुपये की राशि का भुगतान हर हाल में किया जाएगा और यह विभिन्न परोपकारी योजनाओं के तहत केंद्र और राज्य द्वारा भुगतान की गई राशि से अलग होगा।

कोई भी राज्य मुआवजा देने से मना नहीं कर सकता'

शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि देश का कोई भी राज्य किसी मौत का मुआवजा देने से यह कह कर मना नहीं कर सकते कि डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोरोना नहीं लिखी। राज्य जल्द हर जिले में कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी करें, जहां लोग मुआवजे की मांग रख सकें। साथ ही डेथ सर्टिफिकेट में सुधार के लिए भी आवेदन दे सकें। साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोरोना के चलते जिनकी मृत्यु घर पर हुई है, उनका परिवार भी मुआवजे का हकदार होगा।

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