नगालैंड में ग्रामीणों के बुनियादी मानवाधिकार सुनिश्चित करने के लिए एनएचआरसी ने जारी किए निर्देश

एनएचआरसी ने नगालैंड के मुख्य सचिव को राज्य के एक सौ से ज्यादा गावों के बुनियादी मानवाधिकार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी की ओर से दाखिल अर्जी पर एनएचआरसी ने हाल ही में आदेश पारित किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 09:24 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 09:24 PM (IST)
नगालैंड में ग्रामीणों के बुनियादी मानवाधिकार सुनिश्चित करने के लिए एनएचआरसी ने जारी किए निर्देश
एनएचआरसी ने नगालैंड के एक सौ से ज्यादा गावों के बुनियादी मानवाधिकार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने नगालैंड के मुख्य सचिव को राज्य के एक सौ से ज्यादा गावों के बुनियादी मानवाधिकार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील और जानेमाने मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी की ओर से दाखिल अर्जी पर एनएचआरसी ने हाल ही में आदेश पारित किया है।

त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि सड़क संपर्क और स्वच्छ पेयजल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं और ग्रामीणों के सामने जीवनयापन की समस्याएं हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा लागू सामाजिक योजनाएं उचित तरीके से लागू नहीं हो रही हैं।

एनएचआरसी को मुख्य सचिव एवं डीजीपी ने सूचित किया कि शरणार्थियों के साथ अन्याय नहीं हो रहा और राज्य में कोई प्राइवेट कर नहीं है। राज्य ने यह भी बताया कि राज्य के विकास का काम प्रगति पर है। त्रिपाठी ने अपने जवाब में दोहराया कि ग्रामीणों के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।

वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने राजस्थान के जयपुर स्थित परशुराम सर्किल में रहने वाले लोगों को जबरन हटाए जाने संबंधित मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राजस्थान के डीजीपी को समन भेजा है। डीजीपी को 14 जून को आयोग के समक्ष पेश होना है। यही नहीं महिलाओं के खिलाफ अपराध मामलें में स्टेटस रिपोर्ट भी देने को कहा गया है।

मालूम हो कि जयपुर स्थित परशुराम सर्किल में लोगों के जबरन स्थानांतरण के दौरान महिलाओं के साथ बदसलूकी की खबरें हैं जिसपर आयोग ने कार्रवाई की। आयोग ने अधिकारियों द्वारा कोविड-19 प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करते हुए महिलाओं के साथ की गई बदसलूकी मामले में जुड़ी रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही डीजीपी को तुरंत उचित कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।

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