सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही नीट-पीजी में दाखिले, केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को दिया भरोसा, जानें क्‍या कहा

मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए नीट की काउंसलिंग फिलहाल नहीं होगी। इस पाठ्यक्रम में ओबीसी को 27 फीसद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसद आरक्षण देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय होने तक नीट-पीजी में दाखिले नहीं होंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:47 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 07:05 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही नीट-पीजी में दाखिले, केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को दिया भरोसा, जानें क्‍या कहा
मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए नीट की काउंसलिंग फिलहाल नहीं होगी।

नई दिल्ली, जेएनएन। मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की काउंसलिंग फिलहाल नहीं होगी। इस पाठ्यक्रम में ओबीसी को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय होने तक नीट-पीजी में दाखिले नहीं होंगे। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को यह भरोसा दिलाया।

अनुमति के बाद ही काउंसलिंग

इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से नोटिस जारी कर भी इस बारे में छात्रों और कालेजों को स्थिति स्पष्ट की गई है। नोटिस में सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। इसलिए फिलहाल नीट-पीजी काउंस¨लग नहीं होगी। कोर्ट की अनुमति के बाद ही काउंसलिंग शुरू होगी।

पूछा था यह सवाल 

पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के लिए ईडब्ल्यूएस की आठ लाख वार्षिक आय की सीमा किस आधार पर तय की गई है? केंद्र सरकार ने इस बारे में हलफनामा दाखिल करने के लिए कोर्ट से कुछ समय मांग लिया था।

फैसला आने तक तो पूरी हो जाएगी प्रवेश प्रक्रिया

सोमवार को एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अर¨वद दत्तार ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष मामले का जिक्र किया। दत्तार ने कहा कि डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ सर्विसेज की ओर से जारी शिड्यूल के मुताबिक नीट-पीजी की काउंसलिंग 25 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।

काउंसलिंग नहीं होने का दिया भरोसा

ऐसे में जब तक कोर्ट अखिल भारतीय कोटे में आरक्षण लागू करने के लंबित मामले पर निर्णय देगा, तब तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी। केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सालिसिटर जनरल केएम नटराज ने अदालत का फैसला आने तक काउंसलिंग नहीं होने का आश्वासन दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने उठाया छात्रों की परेशानी का सवाल

सुप्रीम कोर्ट : अगर पूर्व निर्धारित शिड्यूल के हिसाब से काउंस¨लग होगी तो छात्रों को तो बड़ी परेशानी होगी।

केएम नटराज (एडीशनल सालिसिटर जनरल) : कोर्ट का निर्णय आने तक काउंस¨लग नहीं होगी। जिस नोटिस की बात याचिकाकर्ता के वकील कर रहे हैं, वह सिर्फ कालेजों को सीट वैरीफिकेशन के लिए भेजा गया है। सोमवार को एक और नोटिस जारी हुआ है कि जब तक कोर्ट निर्णय नहीं करता काउंसलिंग शुरू नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट : हम आपके शब्दों को रिकार्ड पर ले रहे हैं कि जब तक कोर्ट मामले में निर्णय नहीं करता तब तक काउंसलिंग नहीं शुरू होगी।

यह है मामला

सुप्रीम कोर्ट में कुछ याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें नीट-पीजी के अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से इस वर्ष नीट-पीजी में यह आरक्षण लागू नहीं किए जाने का अंतरिम आदेश भी मांगा है, जिस पर कोर्ट विचार कर रहा है। 

एनटीए ने रिजल्ट पर रोक को दी चुनौती

वहीं दूसरी ओर मेडिकल के स्नातक (यूजी) पाठ्यक्रम में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के रिजल्ट पर रोक लगाने के बांबे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई के अनुरोध पर विचार करने का भरोसा दिलाया।

जल्‍द सुनवाई पर विचार करेगी अदालत

सोमवार को सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया। पीठ ने पहले तो उनसे मामले को नीट केस की सुनवाई कर रही पीठ के समक्ष ले जाने को कहा। लेकिन जब सालिसिटर जनरल ने कहा कि यह मामला दूसरा है और यह नई दाखिल की गई विशेष अनुमित याचिका है तो कोर्ट ने जल्द सुनवाई की मांग पर विचार करने की बात कही।

नीट-यूजी के रिजल्‍ट पर रोक

इससे पहले मेहता ने कहा कि बांबे हाई कोर्ट ने दो छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए नीट-यूजी के रिजल्ट पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में छात्रों ने कहा था कि उनके प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं मेल नहीं खा रही हैं। इस पर हाई कोर्ट ने एनटीए को उन दोनों छात्रों की दोबारा परीक्षा कराने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट के आदेश के कारण नीट-यूजी का रिजल्ट लटक गया है।

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