EXCLUSIVE: निर्भया केस में दोषियों के परिजनों को लिखित में सूचना, 1 फरवरी को होगी फांसी

Nirbhaya Case तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने की तिथि के बारे में इनके रिश्तेदारों को पत्र लिखकर जानकारी दे दी है। वहीं उधर से कोई जवाब नहीं आया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 01:49 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 02:22 PM (IST)
EXCLUSIVE: निर्भया केस में दोषियों के परिजनों को लिखित में सूचना, 1 फरवरी को होगी फांसी
EXCLUSIVE: निर्भया केस में दोषियों के परिजनों को लिखित में सूचना, 1 फरवरी को होगी फांसी

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। Nirbhaya Case : निर्भया के दोषियों के नाम जारी डेथ वारंट के अनुसार एक फरवरी को फांसी दी जानी है। अब जबकि फांसी के लिए तय दिन में नौ दिन से कम का वक्त रह गया है, जेल प्रशासन फांसी से पहले की प्रक्रिया को पूरा करने में जुट गया है। दोषियों को फांसी पर लटकाने की तिथि के बारे में जेल प्रशासन ने इनके रिश्तेदारों को पत्र लिखकर जानकारी दे दी है।

नहीं मिला तिहाड़ जेल प्रशासन को परिजनों का जवाब

पत्र में लिखा है कि कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट के आदेशानुसार इन्हें एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। यदि वे चाहें तो दोषियों से अंतिम मुलाकात कर सकते हैं। जेल प्रशासन को इस पत्र के बाद से किसी भी रिश्तेदार की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

चारों दोषियों पर रखी जा रही नजर

तिहाड़ जेल अधिकारियों को सबसे बड़ी चिंता इनकी सुरक्षा को लेकर है। सुरक्षा के लिए जेल मेनुअल में फांसी की सजा पाए दोषियों के लिए निर्धारित सभी बातों पर अमल किया जा रहा है। दोषियों की सुरक्षा किस कदर बढ़ा दी गई है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब निर्भया के दोषियों के सेल को रोजाना बदला जा रहा है। इन्हें ऐसे सेल में रखा जा रहा है जहां बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मी को इनके सेल का चप्पा चप्पा आसानी से नजर आए। जिस सेल में इन्हें रखा जाता है, उस सेल की जांच खुद जेल उपाधीक्षक आकर करते हैं।

चारों दोषियों का बैरक एक, मगर सेल अलग-अलग

वहीं, जांच के दौरान यह देखा जाता है कि सेल में सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम हैं या नहीं। यह भी विशेष तौर पर देखा जाता है कि क्या इस सेल में ऐसी कोई संरचना तो नहीं है जिसकी मदद से दोषी खुदकशी करने की कोशिश को अंजाम दे सकता है। पूरी तरह तसल्ली के बाद ही उपाधीक्षक दोषी को सेल में रखने की अनुमति प्रदान करते हैं। बाहर जो सुरक्षाकर्मी मौजूद रहता है उसे साफ हिदायत है कि अंदर मौजूद दोषी से कोई बात नहीं करे। यदि दोषी को सेल से बाहर निकालना ही पड़े तो निकालने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि वहां पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद हों। जेल अधिकारियों का कहना है कि चारों दोषी को एक ही बैरक लेकिन अलग अलग सेलों में रखा गया है।

Nirbhaya Case: 1 फरवरी को तय है चारों दोषियों की फांसी, अब तक नहीं बताई अंतिम इच्छा

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