नोएडा, गाजियाबाद से दिल्ली में लग रहे जाम पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, जारी किया नोटिस

कोर्ट ने नोएडा से दिल्ली जाने में 20 मिनट के बजाए दो घंटे लगने की शिकायत पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है जबकि गाजियाबाद की यातायात अव्यवस्था पर अधिकारियों की नौ सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए कमेटी से ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान मांगा है

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 30 Mar 2021 11:01 PM (IST) Updated:Tue, 30 Mar 2021 11:11 PM (IST)
नोएडा, गाजियाबाद से दिल्ली में लग रहे जाम पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, जारी किया नोटिस
नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली की राह पिछले कई महीने से मुश्किल है

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली की राह पिछले कई महीने से मुश्किल है। घंटों ट्रैफिक जाम झेलना रोजाना काम के लिए निकलने वालों की नियति बन चुका है। रास्तों पर यातायात के बढ़ते बोझ का एक कारण दिल्ली से लगने वाली सीमाओं पर चल रहे किसानों का प्रदर्शन भी है लेकिन अब लोगों की मुश्किलें कम होने की उम्मीद जगी है क्योंकि मामले पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों मे नोएडा से दिल्ली जाने की परेशानी और गाजियाबाद के कौशांबी में यातायात की अव्यवस्था पर संज्ञान लिया है। 

नोएडा से दिल्ली जाने में 20 मिनट की जगह लग रहा दो घंटा 

कोर्ट ने नोएडा से दिल्ली जाने में 20 मिनट के बजाए दो घंटे लगने की शिकायत पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है, जबकि गाजियाबाद कौशांबी की यातायात अव्यवस्था पर उत्तर प्रदेश और दिल्ली के उच्च अधिकारियों की नौ सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए कमेटी से ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान मांगा है। दोनों ही मामलों में स्थानीय निवासी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। नोएडा की रहने वाली महिला मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि नोएडा से दिल्ली जाना एक दु:स्वप्न जैसा है क्योंकि 20 मिनट में तय होने वाला रास्ता पार करने में दो घंटे लगते हैं। जबकि गाजियाबाद कौशांबी के मामले में कौशांबी अपार्टमेंट रेंजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और आशापुष्प विहार आवास विकास समिति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस

दोनों ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट की अलग-अलग पीठों ने सुनवाई की और आदेश दिए। नोएडा के मामले में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और आर. सुभाष रेड्डी की पीठ ने गत 26 मार्च को नोटिस जारी किया है। मामले पर कोर्ट नौ अप्रैल को फिर सुनवाई करेगा जबकि गाजियाबाद कौशांबी के केस में न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गत 24 मार्च को आदेश दिया है। इस केस में सुनवाई की अगली तारीख 14 अप्रैल है। मोनिका ने कहा कि वह सिंगल पैरेंट हैं और उन्हें सेहत संबंधी परेशानियां भी हैं। नोएडा से दिल्ली जाना बहुत मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट का दोनों तरफ के रास्ते खुले रखने के विभिन्न आदेश होने के बावजूद रास्ते खुले नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि जैसा बताया गया है तो यह प्रशासनिक नाकामी है क्योंकि कोर्ट न्यायिक नजरिया आदेश में दे चुका है। कोर्ट ने कहा कि वह प्रतिवादियों (केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस) को दोनों तरफ के रास्ते साफ रखना सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी कर रहे हैं। 

गाजियाबाद कौशांबी के मामले में कोर्ट ने कहा कि यातायात से जुड़ी समस्या को हल करने के लिए उत्तर प्रदेश और दिल्ली की अथॉरिटीज को मिल कर काम करना होगा। कोर्ट ने यूपी और दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों की नौ सदस्यीय समिति गठित की है। समिति के नोडल अधिकारी गाजियाबाद के जिलाधिकारी हैं। समिति में बाकी सदस्य डिविजनल कमिश्नर मेरठ, चेयरपर्सन गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, म्युनिसिपल कमिश्नर गाजियाबाद नगर निगम, गाजियाबाद के जिलाधिकारी, यूपीएसआरटीसी के चेयरपर्सन, एसएसपी गाजियाबाद, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर द्वारा नामित वरिष्ठ अधिकारी और दिल्ली के परिवहन सचिव हैं। 

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