प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर नजर रखेगा फ्लाइंग स्क्वाड, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- 17 गठित किए, 24 घंटे में 40 कर देंगे

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कई आदेश दिए हैं। यही नहीं उन आदेशों का अनुपालन के लिए पांच सदस्यीय टास्क फोर्स और 17 फ्लाइंग स्क्वाड गठित किए गए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:46 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 09:07 PM (IST)
प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर नजर रखेगा फ्लाइंग स्क्वाड,  केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- 17 गठित किए, 24 घंटे में 40 कर देंगे
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कई आदेश दिए हैं।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कई आदेश दिए हैं। उन आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पांच सदस्यीय टास्क फोर्स और 17 फ्लाइंग स्क्वाड गठित किए गए हैं। कोर्ट ने उठाए गए कदमों पर संतुष्टि जाहिर करते हुए केंद्र और दिल्ली-एनसीआर के राज्यों को आयोग के निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया और सुनवाई अगले शुक्रवार तक के लिए टाल दी।

स्‍कूलों को बंद कराने के मुद्दे पर कही यह बात

साथ ही कोर्ट ने मीडिया के कुछ वर्गों में दिल्ली में स्कूल बंद करने को लेकर कोर्ट को खलनायक के तौर पर पेश करने पर भी एतराज जताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने स्कूल बंद करने का आदेश नहीं दिया था बल्कि दिल्ली सरकार ने स्वयं कहा था कि वह सब कुछ बंद कर रही है व वर्क फ्राम होम लागू कर रही है, इस पर कोर्ट ने स्कूल खुले होने पर सवाल पूछा था।

उठाए गए कदमों की जानकारी दी

ये टिप्पणियां और निर्देश प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने शुक्रवार को केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा प्रदूषण काबू करने के लिए तत्काल उठाए गए कदमों व जारी निर्देशों की जानकारी देने तथा दिल्ली सरकार द्वारा दिए ब्योरे को सुनने के बाद दिए। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह बताने के लिए केंद्र को 24 घंटे का समय दिया था कि प्रदूषण को कैसे काबू किया जाएगा। साथ ही दिल्ली सरकार से छोटे बच्चों के स्कूल खोलने पर जवाब मांगा था। केंद्र और दिल्ली इस पर हलफनामे दाखिल किए।

आयोग ने उठाए कई कदम

सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए आयोग ने कई कदम उठाए हैं। पांच सदस्यीय टास्क फोर्स और 17 फ्लाइंग स्क्वाड गठित हुए है जो निर्देशों के अनुपालन की निगरानी करेंगे। 24 घंटे में इनकी संख्या बढ़ाकर 40 कर दी जाएगी। टास्क फोर्स की रोजाना छह बजे बैठक होगी। आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। एनसीआर में क्लीन फ्यूल या पीएनजी से नहीं चलने वाले उद्योगों को सोमवार से शुक्रवार तक आठ घंटे चलने की इजाजत होगी और शनिवार-रविवार को बंद रहेंगे। एनसीआर के स्कूल-कालेज बंद रहेंगे, सिर्फ परीक्षा या प्रैक्टिकल के लिए खुलेंगे। 11 थर्मल पावर प्लांट में से सिर्फ पांच ही चलेंगे, बाकी बंद रहेंगे।

आयोग ने दिए हैं ये आदेश एनसीआर में पीएनजी या क्लीन फ्यूल से नहीं चलने वाले उद्योग सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना आठ घंटे ही चलेंगे। शनिवार-रविवार को बंद रहेंगे। दिल्ली के 300 किलोमीटर की परिधि में स्थित 11 थर्मल पावर प्लांटों में से सिर्फ पांच ही चलेंगे। बाकी 15 दिसंबर तक बंद रहेंगे। एनसीआर के सभी स्कूल-कालेज बंद रहेंगे, सिर्फ आनलाइन क्लासेज की इजाजत होगी। परीक्षा और प्रैक्टिकल के लिए स्कूल-कालेज खुलेंगे। दिल्ली में सिर्फ सीएनजी या इलेक्ट्रिक ट्रकों या आवश्यक वस्तुएं लाने वाले ट्रकों को ही प्रवेश की इजाजत होगी। बाकी ट्रकों के प्रवेश पर रोक रहेगी।

वैकल्पिक उपायों पर हो विचार

इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि थर्मल पावर प्लांट बंद करते वक्त बिजली के वैकल्पिक उपायों पर भी विचार होना चाहिए। मेहता ने कहा कि विचार हो रहा है। याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि सरकार स्वयं से कुछ नहीं करती, जब कोर्ट ने जस्टिस लोकुर की कमेटी बनाई तो केंद्र ने आयोग गठित कर दिया और जब कोर्ट से टास्क फोर्स गठित करने की मांग की गई तो टास्क फोर्स गठित कर दी। इन दलीलों पर पीठ ने कहा कि इसमें कुछ भी प्रतिकूल नहीं है। सरकार कुछ काम कर रही है, उसे करने देना चाहिए। कोर्ट मामले को निपटा नहीं रहा है, वह आगे भी निगरानी करेगा। 

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