Nirbhaya Case: 4 दिन से डमी संग चल रहा फांसी का ट्रायल, जेल प्रशासन को डेथ वारंट का इंतजार

निर्भया के दोषियों पर जेल प्रशासन की निगरानी बढ़ती जा रही है। जेल अधिकारियों ने फांसी घर की सुरक्षा की जिम्मेदारी तमिलनाडु पुलिस को सौंप दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 10:55 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 11:39 AM (IST)
Nirbhaya Case: 4 दिन से डमी संग चल रहा फांसी का ट्रायल, जेल प्रशासन को डेथ वारंट का इंतजार
Nirbhaya Case: 4 दिन से डमी संग चल रहा फांसी का ट्रायल, जेल प्रशासन को डेथ वारंट का इंतजार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। निर्भया केस में चारों दोषियों अक्षय, पवन,  विनय और मुकेश की फांसी की सजा को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच दिल्ली की तिहाड़ जेल में पिछले चार दिनों से फांसी घर में डमी को फंदे पर लटकाने का अभ्यास किया जा रहा है। शुक्रवार को जेल अधिकारी ने सारी प्रक्रिया देखी और तकनीकी पहलुओं को देखने के बाद इस प्रक्रिया को रोक दिया गया। सूत्रों का कहना है कि दोबारा डमी को लटकाने की प्रक्रिया तब शुरू होगी, जब निर्भया के गुनहगारों का डेथ वारंट जारी कर दिया जाएगा।

दोषियों पर रखी जा रही नजर

गुनहगारों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। तमिलनाडु पुलिस के एक जवान हर समय उनके साथ रहता है। उनके हावभाव पर जेल प्रशासन नजर रख रहा है। जेल नंबर-दो में पवन, मुकेश व अक्षय बंद है, वहीं विनय जेल नंबर-चार में है। जेल सूत्रों ने बताया कि ये अब अपने बैरक से पहले के मुकाबले काफी कम बाहर निकल रहे हैं। जेल अधिकारी समय-समय पर इनसे बात करने के लिए जा रहे हैं। दिन में दो बार उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।

परिजनों ने पड़ोसियों से बनाई दूरी

निर्भया मामले में चारों दोषियों के परिजन फांसी की तिथि करीब आने से सदमे में हैं। उन्होंने पड़ोसियों से भी बात करना अब बंद कर दिया है। इनमें से तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश के घर आरकेपुरम के सेक्टर-3 में रविदास कैंप स्थित झुग्गी में हैं। पवन और विनय के परिजन यहीं रहते हैं, जबकि मुकेश के परिजन दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। उन्होंने अपनी झुग्गी में ताला लगा रखा है। अक्षय का परिवार दूसरे इलाके में रहता है।

दोषी युवकों के परिजनों ने मीडियाकर्मियों से भी बनाई दूरी

निर्भया मामले में कुल छह दोषियों में से मुकेश और राम सिंह सगे भाई हैं। राम सिंह आत्महत्या कर चुका है। फिलहाल पवन और विनय के परिजन मीडियाकर्मियों से मिल तो रहे हैं, लेकिन बातचीत नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब वह क्या बात करें। बहुत बात कर चुके, घर पर मौजूद पवन की बहन ने कहा कि घरवालों ने किसी से भी बातचीत करने से मना किया है। अगर कोई बात करता है, तो मां उसे घर के पास खड़ा नहीं होने देती हैं। इतना कह कर उसने भी घर का दरवाजा बंद कर लिया। पवन के पिता हीरालाल और मां आरकेपुरम के सेक्टर-1 में फलों का ठेला लगाते हैं।

दोषी युवक के पिता ने कहा- अब बात करने का कोई फायदा नहीं

विनय के पिता हरीराम शर्मा ने कहा कि वह तो अब 18 तारीख को कोर्ट में ही बात करेंगे। अब बात करने का कोई फायदा नहीं है। सबकुछ भगवान पर छोड़ दिया है।

कॉलोनी के लोग बोले, फांसी लगने से ही धुलेगा दाग

रविदास कैंप कॉलोनी में रहने वाले कुछ लोगों का कहना था कि दोषियों को जल्द फांसी मिलनी चाहिए। इनकी वजह से कॉलोनी का नाम बदनाम हुआ है। इनको फांसी के बाद दाग धुल जाएगा।

चारों दोषियों को जल्द फांसी देने की याचिका पर 18 को सुनवाई

चारों दोषियों को जल्द फांसी देने की याचिका पर 18 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।

तमिलनाडु पुलिस के हवाले फांसी घर, सुरक्षा बढ़ी

निर्भया के दोषियों पर जेल प्रशासन की निगरानी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को दोषियों से मुलाकात और फांसी घर के निरीक्षण के बाद सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया गया। जेल अधिकारियों ने फांसी घर की सुरक्षा की जिम्मेदारी तमिलनाडु पुलिस को सौंप दी है। इसके आसपास कैदियों को जाने की इजाजत नहीं है। कर्मचारियों को भी सुरक्षा जांच के बाद ही वहां जाने दिया जा रहा है।

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