एनसीआर बोर्ड में मास्टर प्लान के मसौदे पर नहीं हो सका फैसला
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के प्लानिंग बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। एनसीआर के वर्ष 2041 के मास्टर प्लान के प्रस्तावित मसौदे पर दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली बोर्ड की फुल बैठक टाल दी गई है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के प्लानिंग बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। एनसीआर के वर्ष 2041 के मास्टर प्लान के प्रस्तावित मसौदे पर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली बोर्ड की फुल बैठक टाल दी गई है। राज्यों के आग्रह पर यह बैठक एक बार फिर टाली गई है।
राज्यों ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जो मसौदा तैयार किया गया है, उसमें कुछ प्रविधानों को शामिल करने की जरूरत है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यों से अपना मशविरा एक सप्ताह में देने को कहा है, ताकि मसौदे पर अंतिम फैसला कर उसे जनता की राय के लिए सौंप दिया जाए। बैठक में सभी राज्यों से एनसीआर में सब-रीजनल प्लान भी तैयार करने को कहा गया है।एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा कोई और मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुआ। बाकी राज्यों की ओर से शहरी विकास मंत्री अथवा उनके प्रधान सचिवों ने हिस्सा लिया।
बैठक की अध्यक्षता हरदीप सिंह पुरी ने की। राज्यों के इस रुख पर नाखुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि अगर मसौदे पर ही अपनी राय देने में इतनी देर की जाएगी तो फिर आम लोगों के लिए मसौदे को कब जारी किया जाएगा? इस तरह के विलंब से 2041 का मास्टर प्लान तैयार करने में अलग तरह की चुनौतियां पेश आ सकती हैं। बैठक में एनसीआर के राज्यों के बीच आवाजाही वाले पैसेंजर वाहनों के लिए सिंगल प्वाइंट टैक्स की सुविधा देने पर सहमति बनी।
एनसीआर के लिए तैयार होने वाले 2041 के मास्टर प्लान की रूपरेखा बहुत पहले से तैयार कर ली गई है। लेकिन इसमें अलग-अलग राज्यों की ओर से कई तरह के प्रविधान कभी शामिल किए गए और हटाए गए। मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्रियों के साथ विचार-विमर्श कर मसौदे को अंतिम रूप देना था, ताकि उसे वेबसाइट पर लोगों की प्रतिक्रिया के लिए डाला जा सके। आमजन की टिप्पणियों के बाद इसमें अंतिम संशोधन कर अंतिम माना जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में लंबा वक्त लगता है।
प्रस्तावित मास्टर प्लान में कई अहम संशोधन किए जाने की संभावना है। कई तरह के सख्त प्रविधानों में संशोधन की उम्मीद की जा रही है। नेचुरल कंजरवेशन जोन में कई तरह की गतिविधियों की छूट देने का भी प्रविधान इसमें रखा जा सकता है। इस जोन में मनोरंजन पार्क जैसी गतिविधियां शुरू करने की छूट दी जा सकती है, जिसके लिए मामूली निर्माण की छूट दी जा सकती है।
हरियाणा की ओर से अरावली क्षेत्र में पर्यटन को विकसित करने की योजना भी है। लेकिन पर्यावरण एवं वन विभाग की ओर से इसका कड़ा विरोध है।मास्टर प्लान के मुताबिक, विस्तृत एनसीआर क्षेत्र में शामिल उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में कुल आठ ग्रीन फील्ड टाउनशिप विकसित की जाएंगी। ये पूरी तरह से स्मार्ट सिटी होंगे, जिनमें हर तरह की आधुनिक सुख सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
समूचे एनसीआर की समन्वित कामन पुलिस होगी, जिससे यहां के लोगों को सहूलियत होगी। एनसीआर क्षेत्र के वनों, जंगलों और पहाड़ों के साथ प्राकृतिक झीलों को संरक्षित किया जाना जरूरी होगा। इस क्षेत्र में छोटी-बड़ी नदियों के साथ बड़खड़, सूरजकुंड, दमदमा जैसी कई और झीलें हैं जिनसे भूजल रिचार्ज में मदद मिलेगी।