यदि थोड़ी भी लापरवाही हुई तो दोबारा बढ़ेगा कोरोना का संक्रमण, मास्क लगाना जरूरी : डॉ वीके पॉल

कोरोना से रक्षा के लिए तैयार किया गया कोई भी टीका शायद ही सौ फीसद कारगर हो। इसलिए टीका आने के बाद भी मास्क लगाने के साथ तमाम एहतियात की जरूरत होगी। बचाव के नियमों का पालन सर्वोच्च जरूरत है। इससे लोग संक्रमित नहीं होंगे।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 05:25 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 05:25 PM (IST)
यदि थोड़ी भी लापरवाही हुई तो दोबारा बढ़ेगा कोरोना का संक्रमण, मास्क लगाना जरूरी : डॉ वीके पॉल
कोरोना से बचाव के लिए मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी होगा। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। पूरी दुनिया कोरोना की वैश्विक महामारी से जूझ रही है। कोरोना वायरस से करीब नौ महीने के संघर्ष के बाद अभी देश में स्थिति थोड़ी सुधरी है। लेकिन यह समझना जरूरी है कि कोरोना का संक्रमण बरकार है। त्योहारों का सीजन है। उत्तरी भारत में प्रदूषण भी गहरा रहा है। इसलिए संक्रमण बढ़ने का खतरा बरकरार है।

इन प्रतिकूल हालातों में यदि मास्क लगाने, शारीरिक दूरी के नियम का पालन व नियमित हाथ धोने का उपक्रम करते रहें तो कोरोना के संक्रमण को दोबारा बढ़ने से रोका जा सकता है। दुनिया के कई हिस्सों के अनुभव से यह स्पष्ट है कि यदि थोड़ी भी लापरवाही हुई तो कोरोना का संक्रमण दोबारा बढ़ भी सकता है।

इसलिए परिस्थितियों को भांपकर राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। आखिर इससे अच्छी बात क्या होगी कि कोरोना हो ही ना। यह दो चीजों से ही संभव है। या तो टीका आ जाए या दूसरा, जब तक टीका नहीं है तब तक मास्क व शारीरिक दूरी के नियम का पालन ही सोशल वैक्सीन है। इन नियमों का ठीक से पालन करके संक्रमण से बच सकते हैं। मास्क लगाना हर किसी के हाथ में है। इसके लिए किसी पर निर्भर होने की जरूरत नहीं है। टीका शोध व ट्रायल पर निर्भर है। इसलिए मास्क लगाना जरूरी है। 

मास्क से नाक, मुंह ठीक से ढका होना चाहिए। घर के बाहर हमेशा मास्क लगाकर रहें। घर के अंदर भी मास्क लगाएं, ताकि घर में बुजुर्ग, बच्चे, सांस व अन्य पुरानी बीमारियों से पीडि़त मरीज हैं तो उन्हें संक्रमण न होने पाए और परिवार के अन्य सदस्यों का भी बचाव हो। दूसरी बात यह है कि बाहर निकलने पर भी शारीरिक दूरी का ध्यान रखें। 

साथ में सैनिटाइजर का छोटा पैक अपने साथ रखें और हाथ सैनिटाइज करते रहें। बचाव के नियमों का पालन सर्वोच्च जरूरत है। इससे लोग संक्रमित नहीं होंगे। साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी बोझ घटेगा। अस्पतालों में अतिरिक्त आइसीयू की जरूरत नहीं पड़ेगी। बड़ी संख्या में जांच, संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों की पहचान, सíवलांस व लॉकडाउन जैसी चीजों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कोविड-19 महामारी के खिलाफ लोगों को जागरूक होने की सख्त जरूरत है। प्रधानमंत्री ने खुद जागरूकता अभियान का नेतृत्व किया और आम जनता को समझाया भी। यदि देश बचाव के उपायों के पालन से कोरोना से उबर जाए तो बहुत फायदा होगा। जापान, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड में मास्क पहनने का चलन पहले से है। वहां के लोगों को मास्क पहनने की आदत है। क्योंकि जापान में औसत उम्र अधिक होने के कारण बड़े बुजुर्ग अधिक हैं। इसलिए वे संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल करते हैं। उन देशों ने मास्क के जरिये ही संक्रमण रोकने में काफी हद तक कामयाबी हासिल की है।

देश में एक समय प्रतिदिन 90,000 से 92,000 मामले आने लगे थे। जो अब घटकर 54 हजार के करीब आ गए हैं। यदि लोग बचाव के नियमों का सख्ती से पालन नहीं करेंगे तो देश भर में दूसरी लहर भी सकती है। यूरोप के देशों में मामले कम हो गए थे लेकिन वहां एक बार फिर मामले बढ़ गए हैं। इजरायल में वापस संक्रमण शुरू हो गया। अमेरिका में तीसरी लहर चल रही है। देश के अंदर भी केरल में काफी अच्छी स्थिति थी, अब वहां भी संक्रमण बढ़ गया है।

दिल्ली में मामले थोड़े स्थिर हुए थे, अब एक बार फिर चार हजार से अधिक मामले आ रहे हैं। इससे सबक लेने की जरूरत है। कोरोना वायरस बचकर रहना जरूरी है। वैसे भी देश में अभी 10 से 12 फीसद लोगों में ही इस बीमारी से बचाव की क्षमता उत्पन्न हुई है। करीब 90 फीसद आबादी को संक्रमण होने का खतरा अभी बरकरार है। इसलिए लोग यह कतई न समझें कि उन्हें संक्रमण नहीं होगा। इसलिए बचाव के नियमों का पूरा पालन करते हुए अपना कामकाज करें। (डॉ वीके पॉल, सदस्य, नीति आयोग)

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

chat bot
आपका साथी