NRI दूल्हे छोड़ रहे भारतीय पत्नियां, अब तीन केंद्रीय मंत्रालय देंगे दिल्ली HC में जवाब

डीएसजीपीसी द्वारा हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि महिलाओं को समानता का अधिकार है पर एनआरआइ पतियों के खिलाफ शिकायतें बढ़ रही हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 10:42 AM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 10:42 AM (IST)
NRI दूल्हे छोड़ रहे भारतीय पत्नियां, अब तीन केंद्रीय मंत्रालय देंगे दिल्ली HC में जवाब
NRI दूल्हे छोड़ रहे भारतीय पत्नियां, अब तीन केंद्रीय मंत्रालय देंगे दिल्ली HC में जवाब

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (डीएसजीपीसी) की ओर से दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट ने कहा कि अप्रवासी भारतीय (एनआरआइ) पतियों द्वारा पत्नियों को छोड़ने का मसला चिंता का विषय है। मुख्य पीठ ने इस पर विभिन्न मंत्रालयों से जवाब मांगा है।

पीठ ने कहा कि याचिका पर अभी होनी है, जिसमें एनआरआइ पतियों द्वारा छोड़ी गई पत्नियों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए नीति बनाने की मांग की गई है।

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने कानून मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से जवाब मांगा है। पीठ इस याचिका पर अगली नौ जनवरी को करेगी।

डीएसजीपीसी द्वारा हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि महिलाओं को समानता का अधिकार है पर एनआरआइ पतियों के खिलाफ शिकायतें बढ़ रही हैं।

परिजनों के दबाव में अक्सर एनआरआइ लड़के भारतीय लड़कियों से शादी करते हैं और बाद में नौकरानी की तरह इस्तेमाल करते हैं। बाद में उन्हें छोड़ दिया जाता है।

याचिका में मांग की गई है कि ऐसे लोगों के लिए कोई ठोस कार्रवाई करने का प्रावधान किया जाए और ऐसे मसलों की जांच के लिए कोई स्वतंत्र एजेंसी बनाई जाए।

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