Delhi Haryana Water Dispute : हरियाणा के खिलाफ दिल्ली जल बोर्ड की अवमानना याचिका खारिज, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्‍या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के खिलाफ बार-बार दाखिल होने वाली दिल्ली जल बोर्ड की अवमानना याचिका को नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह हरियाणा के साथ विचार-विमर्श से मामले को सुलझाए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:20 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 11:33 PM (IST)
Delhi Haryana Water Dispute : हरियाणा के खिलाफ दिल्ली जल बोर्ड की अवमानना याचिका खारिज, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्‍या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के खिलाफ बार-बार दाखिल होने वाली दिल्ली जल बोर्ड की अवमानना याचिका को खारिज कर दिया।

नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के खिलाफ बार-बार दाखिल होने वाली दिल्ली जल बोर्ड की अवमानना याचिका को नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह हरियाणा के साथ बातचीत करके मामले को सुलझाए। दिल्ली सरकार ने हरियाणा के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल कर दिल्ली को पर्याप्त पानी देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाया था।

बताइए क्‍या अवमानना हुई

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, एएस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यम की पीठ के सामने दिल्ली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने 1996 के कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और आदेश पढ़ा। इस पर पीठ ने उनसे कहा कि बताइए 26 साल बाद इसमें क्या अवमानना हुई है? विकास सिंह ने कहा कि उस आदेश के मुताबिक हरियाणा को वजीराबाद जलाशय पूरा भरा रखना चाहिए, जो कि नहीं हो रहा है। यह कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।

गलती आपकी भी है

'प्रेट्र' के मुताबिक, विकास सिंह ने आरोप लगाया कि 450 क्यूसेक पानी में से हरियाणा ने नहर के जरिये दिल्ली को 370 क्यूसेक पानी जारी किया है। बाकी 80 क्यूसेक पानी यमुना नदी के जरिये वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जारी किया जाना है, लेकिन अभी तक जारी नहीं किया गया। इस पर पीठ ने कहा कि बताइए इसमें अवमानना कहां है। अगर एक बार फिर सभी रिका‌र्ड्स का हवाला दिया जाए तो उनके द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक गलती आपकी भी है और हरियाणा आदेश के मुताबिक पानी दे रहा है।

बार-बार अर्जी न दाखिल करें

शीर्ष कोर्ट ने दिल्ली की ओर से बार-बार याचिका दाखिल करने पर नाराजगी जताते हुए विकास सिंह से कहा कि वह अपने मुवक्किल को सलाह दें कि वह बार-बार अर्जी दाखिल न करें। यह चौथी याचिका है। 'आइएएनएस' के मुताबिक, इस पर विकास सिंह ने कहा कि दिल्ली को याचिका दाखिल क्यों नहीं करनी चाहिए, जबकि उसे इसका अधिकार है क्योंकि हरियाणा जरूरत के मुताबिक पानी की आपूर्ति नहीं कर रहा है। दिल्ली यमुना के पानी पर निर्भर है, लेकिन हरियाणा कह रहा है कि वह कृषि के लिए पानी का इस्तेमाल करेगा, लेकिन पीने के लिए दिल्ली को नहीं देगा।

हरियाणा ने कहा-जरूरत से ज्यादा दे रहे हैं पानी

हरियाणा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कोर्ट से अवमानना याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि याचिका आधारहीन और प्रक्रिया का दुरुपयोग है। उन्होंने कहा कि हरियाणा जरूरत से ज्यादा पानी दे रहा है। यमुना रिवर एलोकेशन बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा 1000 क्यूसेक से ज्यादा पानी दे रहा है।

काफी इन्फ्रास्ट्रक्चर नया बना

दीवान ने कहा कि कोर्ट के उस आदेश के बाद काफी इन्फ्रास्ट्रक्चर नया बना है और अब ये दिल्ली को देखना है कि वह अपने प्लांट में कितना पानी रखेगी। उस आदेश के बाद दो मुख्य पाइप लाइन और कैरियर लाइन चैनल का निर्माण हआ है। ट्रांसमिशन यमुना से नहीं है। नए वाटर इन्फ्रास्ट्रक्चर से केस का पूरा परिदृश्य ही बदल गया है। पीठ ने दीवान से कहा कि वह अवमानना याचिका में लगाए गए आरोपों का जवाब दें।

अब बदल चुका है पूरा परिदृश्‍य

दीवान ने कहा कि न्यूनतम जरूरत की आपूर्ति की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने उस वक्त यमुना नदी को चैनल मानते हुए आदेश दिया था। अब स्थिति बदल चुकी है। 1996 में मूल वाटर प्लांट वजीराबाद जलाशय था लेकिन अब नई तकनीक आ गई है। स्थानीय इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दिल्ली का अधिकार है, वह चाहे तो वजीराबाद जलाशय को पूरा भरा रख सकती है। दीवान ने कहा कि दिल्ली सरकार बार-बार सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर रही है, जबकि उच्च स्तर पर वार्ता हुई है।

घरेलू जरूरत के लिए पर्याप्त पानी मिले

दिल्ली की ओर से जवाब देते हुए विकास सिंह ने कहा कि उस आदेश का आशय था कि दिल्ली को जितनी जरूरत हो उतना पानी मिले। दिल्ली इस पानी का उपयोग कृषि में नहीं करती। कोर्ट का आशय था कि दिल्ली की घरेलू जरूरत के लिए पर्याप्त पानी मिले। इस पर कोर्ट ने दिल्ली से कहा कि वह इस बारे में हरियाणा के साथ विचार-विमर्श कर मामला सुलझाए। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली की अवमानना याचिका खारिज कर दी। विकास सिंह कहते रहे कि बातचीत से काम नहीं हो रहा है, कोर्ट याचिका खारिज न करे, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। 

खुद प्यासा रहकर दिल्ली को कर रहे आपूर्ति

वहीं हरियाणा के गृह, शहरी निकाय और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं क्योंकि हरियाणा खुद प्यासा रहकर दिल्ली को उसके हिस्से का पूरा पानी दे रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीति झूठ पर टिकी है। झूठ बोलकर पहले वह आक्सीजन का कोटा बढ़वाना चाहते थे। उसी तरह पानी कम मिलने का झूठ बोलकर पानी का कोटा बढ़वाने की उनकी मंशा थी, लेकिन दोनों झूठ सुप्रीम कोर्ट ने सिरे नहीं चढ़ने दिए।

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