सीबीआइ ने साई निदेशक समेत छह लोगों को रिश्वत मांगने के आरोप में हिरासत में लिया

खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर चाहते हैं कि कोई भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए और एक कड़ा सबक मिलना चाहिए। साई के खिलाफ जांच होनी चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 10:41 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 08:26 AM (IST)
सीबीआइ ने साई निदेशक समेत छह लोगों को रिश्वत मांगने के आरोप में हिरासत में लिया
सीबीआइ ने साई निदेशक समेत छह लोगों को रिश्वत मांगने के आरोप में हिरासत में लिया

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। सीबीआइ ने गुरुवार को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में भ्रष्टाचार के एक मामले में कुछ अधिकारियों और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया।

सीबीआइ के अधिकारी शाम करीब पांच बजे जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम स्थित साई मुख्यालय पहुंचे और कर्मचारियों से पूछताछ के लिए पूरे परिसर को सील कर दिया। सीबीआइ की तरफ से कहा गया है कि छह लोगों को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है।

साई के अधिकारी निजी ठेकेदार से परिवहन बिल को पास करने के लिए रिश्वत मांग रहे थे

साई के अधिकारी निजी ठेकेदार से उसके परिवहन बिल को पास करने के लिए तीन प्रतिशत की रिश्वत की मांग कर रहे थे। साई के निदेशक एसके शर्मा के साथ काम करने वाले जूनियर लेखाकार हरेंद्र प्रसाद, लेखाकार अधिकारी ललित जॉली, यूडीसी वीके शर्मा और दो अन्य व्यक्ति मंदीप आहूजा और युनूस को हिरासत में लिया गया है। साई के अधिकारी 19 लाख के परिवहन बिल में तीन प्रतिशत के रिश्वत की मांग कर रहे थे।

वहीं, साई के एक सूत्र ने बताया कि वे 19 लाख के बिल पर तीन प्रतिशत रिश्वत की मांग की जा रही थी। परिवहन बिल में स्टेशनरी से लेकर चेयर, टीवी आदि के सामान को जोड़ा जाता है। यह भी सामान साई के स्टेडियमों को अच्छा बनाने के लिए खरीदे जाते हैं।

साई महानिदेशक नीलम कपूर को यहां हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी थी और उन्होंने इसीलिए छह माह पहले सीबीआइ के निदेशक को पत्र लिखा था। सीबीआइ के तीन अधिकारी यहां आए और सभी से पूछताछ की। करीब एक घंटे तक साई ऑफिस को सील कर दिया गया जिससे कोई अंदर से बाहर नहीं आ सका और बाहर से अंदर नहीं आ पाया।

खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर भी चाहते हैं कि यहां कोई भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए और एक कड़ा सबक मिलना चाहिए। इसके खिलाफ जांच होनी चाहिए।

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