बार काउंसिल की चेतावनी, कहा-कोलेजियम जजों का नाम वापस ले नहीं तो धरना

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष MK Mishra ने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल जाकर कोलेजियम से मिलकर उनसे इस पर पुनर्विचार करने और इस फैसले को वापस लेने के लिए कहेगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 07:05 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jan 2019 07:05 PM (IST)
बार काउंसिल की चेतावनी, कहा-कोलेजियम जजों का नाम वापस ले नहीं तो धरना
बार काउंसिल की चेतावनी, कहा-कोलेजियम जजों का नाम वापस ले नहीं तो धरना

नई दिल्‍ली, एएनआइ। जस्टिस खन्ना और जस्टिस माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की कोलेजियम की सिफारिश पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एमके मिश्रा ने कहा है कि कई जजों के बीच कड़ी नाराजगी है। जस्टिस मेनन और जस्टिस नंद्राजोग के नामों की सिफारिश दिसंबर में की गई थी। अब कोलेजियम ने अचानक 20-25 दिनों के बाद यू-टर्न ले लिया है।

उन्‍होंने कहा कि हमारा एक प्रतिनिधिमंडल जाकर कोलेजियम से मिलकर उनसे इस पर पुनर्विचार करने और इस फैसले को वापस लेने के लिए कहेगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम धरने पर बैठेंगे।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश कैलाश गंभीर ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दिनेश महेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की कोलेजियम की सिफारिश पर सवाल उठाए हैं। गंभीर ने वरिष्ठता की अनदेखी का मुद्दा उठाते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखकर न्यायपालिका की विश्वसनीय स्वतंत्रता संरक्षित करने और दूसरी ऐतिहासिक भूल न होने देने का आग्रह किया है। पूर्व न्यायाधीश गंभीर ने राष्ट्रपति को यह पत्र 14 जनवरी को भेजा है।

कोलेजियम ने गत 10 जनवरी को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दिनेश महेश्वरी और दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी। 10 जनवरी से पहले गत 12 दिसंबर को भी कोलीजियम बैठी थी और उसने कुछ निर्णय भी लिए थे लेकिन उस पर ज्यादा विचार-विमर्श नहीं हो पाया था क्योंकि शीतकालीन अवकाश हो गया था।

दोबारा जब पांच और छह जनवरी को जब बैठक हुई तबतक जस्टिस मदन बी लोकूर सेवानिवृत हो चुके थे और उनकी जगह जस्टिस अरुण मिश्रा शामिल हो चुके थे। यह बात कोलेजियम की सिफारिश में दर्ज है। 

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