Farmer Protest: NCPCR ने लाल किले में फंसे बच्चों पर दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट, दिया 48 घंटे का समय

गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारी किसानों ने लाला किला पर पहुंचकर हंगामा किया। इस दौरान वाहां मौजूर बच्चों समेत करीब 250 कलाकार फंस गए थे। लगभग घंटे तक फंसे रहने के बाद दिल्ली पुलिसकर्मियों ने उन्हें सुरक्षित निकाला था।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 08:34 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 08:34 AM (IST)
Farmer Protest: NCPCR ने लाल किले में फंसे बच्चों पर दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट, दिया 48 घंटे का समय
एनसीपीसीआर ने लाल किले में फंसे बच्चों पर पुलिस से मांगी रिपोर्ट।

नई दिल्ली, प्रेट्र। देश में बाल अधिकार से जुड़ी शीर्ष संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बुधवार को उन खबरों पर दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी जिनमें कहा गया था कि गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने यहां आए करीब 250 बच्चे प्रदर्शनकारी किसानों के लाल किले में घुसने की वजह से परिसर में फंस गए थे।

पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) एंटो अलफोंस को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। कानूनगो ने डीसीपी को लिखे पत्र में कहा, 'इस पत्र को जारी करने की तारीख के 48 घंटे के भीतर आपको अन्य बातों के साथ ही एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) भी प्राथमिकी के अलावा पेश करनी है।'

एनसीपीसीआर ने लाल किले में फंसे और बाद में सुरक्षित बचाए गए बच्चों के नंबर और विवरण भी मांगे हैं। उन्होंने कहा, 'इन बच्चों को किन्हें सौंपा गया और ये बच्चे फिलहाल कहां हैं और दिल्ली पुलिस ने इन बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए।'

किसानों की ट्रैक्टर रैली में शामिल कुछ लोगों के मंगलवार को लाल किले पहुंचकर हंगामा करने के बाद वहां फंसे बच्चों समेत करीब 250 कलाकारों को सुरक्षित बचाया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि अपराह्न में करीब दो घंटे तक फंसे रहने के बाद दिल्ली पुलिसकíमयों ने उन्हें सुरक्षित निकाला था। उन्हें खाने-पीने का सामान दिया गया और बाद में वहां से ले जाया गया।

पत्रकारों पर हमले की एनबीए ने की निंदा

न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने किसानों की ट्रैक्टर रैली की कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों पर हमले और उनके उपकरण तोड़े जाने की बुधवार को निंदा की। एनबीए ने एक बयान जारी कर कहा, उनकी राय है कि प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया दोनों ही पिछले दो महीने से किसानों के विरोध प्रदर्शन की निष्पक्ष और संतुलित तरीके से कवर करता रहा है।

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