Weather ALERT: नौतपा का असर, 46 डिग्री तापमान में आग उगल रहा है सूरज; जानिए- इसके पीछे का विज्ञान

Weather ALERT नौतपा यानी वे 9 दिन जब सूर्य धरती के करीब आ जाता है और 9 दिन सबसे अधिक गर्मी पड़ती है। आज से यानी 25 मई से नौतपा आरंभ हो गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 06:46 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 07:56 PM (IST)
Weather ALERT: नौतपा का असर, 46 डिग्री तापमान में आग उगल रहा है सूरज; जानिए- इसके पीछे का विज्ञान
Weather ALERT: नौतपा का असर, 46 डिग्री तापमान में आग उगल रहा है सूरज; जानिए- इसके पीछे का विज्ञान

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में भयंकर गर्मी पड़ने की शुरुआत हो चुकी है। कई शहरों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। मौसम विभाग की माने को फिलहाल लू से राहत नहीं मिलेगी। दोपहर में बाहर न निकलने को भी कहा गया है। गर्मी अगले कुछ दिन बेहद तेज होगी। भारतीय ज्‍योतिष में इस समय को 'नौतपा' कहा जाता है। नौतपा यानी वे 9 दिन जब सूर्य धरती के करीब आ जाता है और 9 दिन सबसे अधिक गर्मी पड़ती है। आज से यानी 25 मई से नौतपा आरंभ हो गया है और अब अगले 9 दिन तक झुलसा देने वाली गर्मी पड़ेगी। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में तापमान 48 डिग्री को भी पार कर सकता है। ज्‍योतिष शास्‍त्र में नौतपा को सूर्य और अन्‍य नक्षत्रों की स्थिति में बदलाव से जोड़कर देखा जाता है।

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार, सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से नौतपा का आरंभ माना जाता है और इसकी शुरुआत होते ही प्रचंड गर्मी पड़ना शुरू हो जाती है। इस साल 25 मई से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 8 जून तक इसी नक्षत में रहेंगे। इस अवधि के शुरुआती 9 दिनों में सर्वाधिक गर्मी पड़ती है और इस कारण इसे नौतपा कहते हैं।

 मान्‍यता के मुताबिक, सूर्य अपने चक्‍कर लगाते हुए इसी वक्‍त रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। इसकी अवधि 15 दिन की होती है। शुरू के नौ दिन भयानक गर्मी पड़ती है। मौसम विज्ञानी भी अनुमान लगा रहे हैं कि अगले दो-तीन में कुछ इलाकों का पारा 48 डिग्री तक पहुंच सकता है। सूरज की गति के आधार पर 'नौपता' का समय होता है, इसका साइंस से कनेक्‍शन बड़ा सीधा है।

'नौतपा' पर क्‍या कहता है ज्‍योतिष

ज्‍योतिष के मुताबिक, साल में एक बार रोहिणी नक्षण की नजर सूरज पर पड़ती है। बताते हैं इस दौरान सूर्य और पृथ्‍वी के बीच की दूरी कम हो जाती है। धूप और तीखी होने लगती है। आंधी-तूफान की संभावना होती है।

समझें 'नौतपा' के पीछे की साइंस

भारत के ठीक बीचों-बीच से होकर कर्क रेखा गुजरती है। आठ राज्‍यों को काटती हुई यह इमैजिनरी लाइन मौसम के लिहाज से बड़ी अहम है। मई-जून वह वक्‍त होता है जब सूरत की किरणें सीधी इस रेखा पर पड़ती हैं। जब धूप सीधे पड़ेगी तो गर्मी बढ़ना स्‍वाभाविक है। इसके अलावा सूरज और धरती के बीच बनने वाला ऐंगल भी भारत में गर्मी के लिए जिम्‍मेदार है। इस ऐंगल के आधार पर ही तय होता है कि धूप कितनी तीव्रता से धरती पर आएगी।

मौसम विभाग का अनुमान, बहुत पड़ेगी गर्मी

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार-पांच दिन भयानक गर्मी पड़ेगी। दिल्‍ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्‍थान के लिए 'रेड' वार्निंग जारी की गई है। उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, छत्‍तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, सेंट्रल महाराष्‍ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्‍तरी कर्नाटक में भी लू का प्रकोप देखने को मिलेगा।

कब चलती है लू?

मौसम विभाग के अनुसार, मैदानी इलाकों में लू के हालात तब बनते हैं जब तापमान 45 डिग्री या उससे ज्‍यादा हो। गंभीर या भयानक लू की स्थिति 47 डिग्री या उससे ज्‍यादा तापमान पर बनती है। लू में हवा के बेहद गर्म थपेड़े चलते हैं जो इंसानों को झुलसा देते हैं।

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