डॉक्टरों से मारपीट के खिलाफ IMA का देशव्यापी प्रदर्शन, केरल में सचिवालय के बाहर जताया विरोध

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) आज डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। केरल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की केरल विंग ने डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 01:07 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 01:20 PM (IST)
डॉक्टरों से मारपीट के खिलाफ IMA का देशव्यापी प्रदर्शन, केरल में सचिवालय के बाहर जताया विरोध
केरल में सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन।(फोटो: एएनआइ)

तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटनाओं के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) आज डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। केरल के तिरुवनंतपुरम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की केरल विंग ने डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने अपना विरोध जताया। देशभर के डाक्टर काले झंडे लेकर व चेहरे पर काला मास्क लगाकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। हालांकि, इससे अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं प्रभावित नहीं हो रही हैं।

केरल: तिरुवनंतपुरम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की केरल विंग ने डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

(IMA) आज डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। pic.twitter.com/kN5IQiE9qa

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2021

हाल के दिनों में कई जगहों पर डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटनाएं हुई हैं। इसके मद्देनजर आइएमए केंद्र सरकार से सख्त कानून बनाने की मांग कर रहा है। आइएमए का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में देश भर में 700 से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। फिर भी डॉक्टर लगातार ड्यूटी कर रहे। फिर भी मारपीट की घटनाएं सामने आई हैं। यही वजह है कि आइएमए ने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। लेकिन एम्स रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन ने इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से इन्कार किया है।

वैश्विक कोरोना महामारी में चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी की ओर से अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा पिछले 15 माह से कर रहे हैं। उसके बावजूद समाज के कुछ लोगों की ओर से चिकित्सकों और कर्मियों से अभद्र व्यवहार किया गया। झारखंड, बिहार, ओडिशा, असम सहित कई ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना वॉरियर्स पर जानलेवा हमला भी किया गया।

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