लेह में स्थापित होगा तिब्बती चिकित्सा पद्धति का राष्ट्रीय संस्थान
लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह संभवत पहला फैसला है जो केंद्रीय कैबिनेट ने उसके विकास के लिए लिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को लेह में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सोवा-रिग्पा (एनआइएसआर) की स्थापना को मंजूरी प्रदान कर दी। यह एक स्वायत्तशासी संस्थान होगा। सोगा-रिग्पा एक पारंपरिक तिब्बती चिकित्सा पद्धति है। यह सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, बंगाल के दार्जिलिंग, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में काफी लोकप्रिय है।
लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह संभवत: पहला फैसला है जो केंद्रीय कैबिनेट ने उसके विकास के लिए लिया है। एनआइएसआर की स्थापना आयुष मंत्रालय के तहत 47.25 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए लेवल-14 में एक निदेशक पद के सृजन को भी मंजूरी प्रदान की। एनआइएसआर की स्थापना से न सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप में सोवा-रिग्पा को नया जीवन मिलेगा बल्कि भारत के साथ-साथ अन्य देशों के छात्रों को भी इस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को सीखने का अवसर मिलेगा।