नारद स्टिंग केस: कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश सुप्रीम कोर्ट में रद, ममता को 28 जून तक आवेदन दाखिल करने का निर्देश
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। ममता और घटक ने कलकत्ता हाई कोर्ट के गत नौ जून के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : उच्चतम न्यायालय ने नारद स्टिंग मामले को स्थानांतरित करने की सीबीआइ की अर्जी पर दाखिल किए गए बंगाल सरकार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक के जवाबी हलफनामे स्वीकार नहीं करने का कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश शुक्रवार को रद कर दिया।
न्यायमूर्ति विनीत शरण और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की आवकाशकालीन पीठ ने हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ से आग्रह किया कि सीबीआइ की याचिका पर फैसला करने से पहले राज्य सरकार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक के आवेदनों पर नए सिरे से विचार करे।
शीर्ष अदालत तीन अपीलों पर सुनवाई कर रही थी जिसमें नारद स्टिंग से जुड़े मामले में सीबीआइ द्वारा 17 मई को तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं की गिरफ्तारी के दिन मुख्यमंत्री और कानून मंत्री की भूमिका पर उन्हें हलफनामे दाखिल करने की अनुमति देने से हाई कोर्ट के इन्कार के खिलाफ राज्य सरकार की अपील भी शामिल है। इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य के सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने मामले में चारों नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ को अपना वैधानिक कर्तव्य निभाने में अड़चन डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने नारद स्टिंग मामले में मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को पिछले महीने गिरफ्तार किया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाई कोर्ट के गत नौ जून के आदेश के खिलाफ तीन अपीलें लंबित हैं। दो अपीलें बंगाल सरकार और कानून मंत्री मलय घटक की ओर से दाखिल की गई हैं, जिनमें सीबीआइ की स्थानांतरण याचिका में ममता बनर्जी और घटक की ओर से दाखिल हलफनामा रिकार्ड पर लेने से हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया था। तीसरी याचिका ममता बनर्जी ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है और हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। यह मामला गत 17 मई को सीबीआइ द्वारा नारद घोटाले में तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी के समय ममता बनर्जी और घटक की भूमिका से जुड़ा है।
सीबीआइ ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि राज्य के सत्ताधारी दल के नेताओं ने सीबीआइ को कानूनी कर्तव्य निर्वहन से रोका था। मालूम हो कि 17 मई को सीबीआइ ने नारद घोटाले में तृणमूल के चार नेताओं को गिरफ्तार किया था। सीबीआइ का आरोप है कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआइ दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गई थीं और कानून मंत्री वर्चुअल सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में मौजूद थे।