ओडिशा के NaPSAT छात्रों ने बनाया नासा के आर्टिमिस मिशन 2024 के लिए रोवर
ओडिशा स्थित नवोंमेश प्रसार स्टूंडेंट एस्ट्रॉनॉमी टीम (NaPSAT) के छात्रों ने एक ऐसा रोवर डिजाइन किया है जो चांद समेत मंगल की उबड़ खाबड़ सतह पर आसानी से चल सकता है। इसको नासा के ह्यूमन रोवर एक्सप्लोरेशन चैलेंज 2021 में प्रदर्शित किया जाएगा।
कटक (एएनआई)। कटक के नवोंमेश प्रसार स्टूंडेंट एस्ट्रॉनॉमी टीम (NaPSAT) ने नासा के ह्यूमन रोवर एक्सप्लोरेशन चैलेंज 2021 में प्रदर्शन के लिए एक रोवर को डिजाइन किया है। ये रोवर आर्टिमिस मिशन 2024 (मून मिशन) के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें पहली महिला और एक पुरुष को चांद पर भेजा जाएगा। इन छात्रों का बनाया ये रोवर मार्स की उबड़-खाबड़ और विभिन्न परिस्थितियों वाले इलाके में भी चल सकता है। NaPSAT की इस टीम में दस स्कूलों के छात्र शामिल हैं।
आपको बता दें कि नासा अपने इस आर्टिमिस मिशन 2024 के तहत नई तकनीक की मदद से चांद पर ऐसी खोज करना चाहता है जो इससे पहले कभी न हुई हो। इसके लिए वो दूसरे विदेशी सहयोगियों से भी सहयोग ले रहा है। इसके बाद नासा मंगल पर भी इसी तरह का मिशन भेजना चाहता है। नासा अपने आर्टिमिस मिशन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। नासा इसके लिए अपने शक्तिशाली रॉकेट स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) का इस्तेमाल करेगा।
नासा का कहना है कि चांद पर खोज करने के साथ-साथ मंगल उसका लक्ष्य बना रहेगा। नासा चांद की पूरी सतह पर खोज करने को लेकर काफी उत्साहित है। नासा आर्टिमिस मिशन के तहत अपने अंतरिक्ष यात्रियों को एक नई जगह पर उतारेगा जिसकी शुरुआत चांद के दक्षिणी ध्रुव से होगी। नासा का यहां पर खोज करने का मकसद चांद पर पानी की खोज करना है। इसके अलावा नासा चांद पर मौजूद विभिन्न तरह के खनिजों का भी पता लगाए। नासा का मकसद ये भी है कि वो इस बात का पता लगाए कि चांद पर भविष्य में रहने के लिए किन चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यहां पर भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यात्री चांद पर केवल तीन दिन ही बिताएंगे।
आपको बता दें कि नासा चांद के साथ-साथ मंगल ग्रह पर भेजे गए अपने मार्स रोवर परसिवरेंस को लेकर काफी उत्साहित है। यहां पर नासा ने पहली बार एक छोटा सा हेलीकॉप्टर इंजेंविनिटी भी भेजा है जिसकी उड़ान बुधवार को होगी।