नगालैंड घटना की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया, मुख्यमंत्री करेंगे घटनास्थल का दौरा

नगालैंड सरकार ने भड़काऊ वीडियो तस्वीरें या टेक्स्ट मैसेज का प्रसार रोकने के लिए जिले में मोबाइल इंटरनेट और डाटा सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। सेना ने घटनाओं पर खेद जताते हुए कोर्ट आफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 09:07 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 09:07 AM (IST)
नगालैंड घटना की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया, मुख्यमंत्री करेंगे घटनास्थल का दौरा
मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो सोमवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे।

कोहिमा (नागालैंड), एजेंसी। नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में आम नागरिकों की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है, जिसमें 13 नागरिकों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद भड़की हिंसा में एक सैनिक की भी मौत हो गई। इससे पहले नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफिउ रियो ने सुरक्षाबलों द्वारा नागरिकों की कथित हत्याओं की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया था।

सेना ने गोलीबारी और इसके बाद की घटनाओं पर खेद जताते हुए कोर्ट आफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया है। नगालैंड सरकार ने भड़काऊ वीडियो, तस्वीरें या टेक्स्ट मैसेज का प्रसार रोकने के लिए जिले में मोबाइल, इंटरनेट और डाटा सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार ने मारे गए नागरिकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये देने का एलान किया है। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो सोमवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को घटना के बारे में अवगत करा दिया गया है।

गोलीबारी की पहली घटना शनिवार शाम ओटिंग और तिरु गांवों के बीच हुई। कुछ दिहाड़ी मजदूर कोयला खदान से पिक अप वैन से अपने घर लौट रहे थे। सुरक्षा बलों ने इन मजदूरों को गलती से उग्रवादी समझ लिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर गोलीबारी की। इसमें छह मजदूरों की मौत हो गई। मजदूर जब अपने घर नहीं पहुंचे तो स्थानीय युवा और ग्रामीण उन्हें खोजते हुए घटनास्थल तक पहुंचे। उन्होंने सैन्य बलों को घेरकर उन पर हमला कर दिया। उन्होंने सुरक्षा बलों के वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। इस संघर्ष में एक सैनिक की मौत हो गई।

पुलिस अधिकारी के अनुसार, सैनिकों को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी। इसमें सात लोग मारे गए। इन घटनाओं के विरोध में रविवार को दोपहर बाद क्रुद्ध भीड़ ने कोन्यक यूनियन के दफ्तर और असम राइफल्स के कैंप पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ की। उन्होंने कैंप के एक हिस्से में आग भी लगा दी। सुरक्षा बलों को एक बार फिर हमलावरों पर गोली चलानी पड़ी। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। घटना की जांच का आदेश देते हुए सेना ने कहा कि उसका एक जवान मारा गया है और कई अन्य सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सेना ने कहा कि यह घटना और इसके बाद जो कुछ हुआ वह बहुत दुखद है।

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