Mumbai Terror Attack: कभी न भूलने वाली है 26/11 की वो घटना जब पाकिस्‍तान के इशारे पर दहल उठी थी मुंबई

मुंबई हमले के एकमात्र जिंदा आतंकी अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी। इसके बाद भी इस हमले का चैप्‍टर पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इसके आकाओं को अब तक सजा नहीं दी जा सकी है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 04:35 PM (IST)
Mumbai Terror Attack: कभी न भूलने वाली है 26/11 की वो घटना जब पाकिस्‍तान के इशारे पर दहल उठी थी मुंबई
मुंबई हमले से भारत समेत पूरी दुनिया हैरत में थी। (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। 26 नवंबर 2008 की वो रात भारत कभी नहीं भूल सकता है, जब पाकिस्‍तान के दस आतंकियों ने मुंबई की सड़कों पर खूनी खेल खेला था। उन्‍होंने 174 लोगों को बड़ी निर्ममता से हत्‍या कर दी थी, जबकि इस घटना में 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। टीवी चैनल के जरिए जब ये खबर पूरे भारत और फिर दुनिया में फैली तो हर कोई हैरत में था। आतंकियों ने इस हमले में मुंबई की शान ताज होटल, होटल ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, नरीमन प्‍वाइंट, चाबड़ हाउस, कामा अस्‍पताल, लियोपार्ड कैफे, मेट्रो सिनेमा को निशाना बनाया था। अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए उन्‍होंने उन जगहों को चुना था, जहां पर भीड़ होती थी और जो यहां की पहचान थे।

ये आतंकी समुद्र के रास्‍ते भारत में घुसे थे। इसके बाद ये अलग-अलग गुटों में बंट गए थे। ये आतंकी खतरनाक हथियारों से लैस थे। ये सभी आतंकी 23 नवंबर की रात को पाकिस्‍तान के कराची शहर से एक बोट में निकले थे। भारतीय समुद्री सीमा में दाखिल होने के बाद उन्‍होंने एक नाव को हथियाकर उसमें सवार सभी चार लोगों को मार दिया था। छह अलग-अलग ग्रुप में बंटे इन आतंकियों ने सबसे पहले रात करीब 9:21 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू की थी। यहां लगे सीसीटीवी में खूंखार आतंकी अजमल कसाब कैद हुआ था। पूरी दुनिया की मीडिया में कसाब के हाथों में एके-47 लिए हुए फोटो प्रकाशित हुई थी। यहां पर ही कसाब को फांसी के तख्‍ते तक पहुंचाने वाली मुंबई की देविका रोटावन भी थी। उसने कसाब को गोलियां चलाते अपने आंखों के सामने देखा था। उसके पांव में भी गोली लगी थी। उस वक्‍त वो महज 8 वर्ष की थी। इसके बाद उसको अस्‍पताल ले जाया गया था। देविका की गवाही पर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में 21 नवंबर, 2012 को फांसी दे दी गई थी।

नरीमन हाउस में एक आतंकियों के दूसरे गुट ने हमला किया था। यहां पर उन्‍होंने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इसी चाबड़ हाउस में मोशे तजवी होल्त्जबर्ग को घर में काम करने वाली एक सहायक ने बचा लिया था। बाद में इस बच्‍चे को इसके परिजनों के पास इजरायल पहुंचा दिया था। इजरायल की यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बच्‍चे से मुलाकात भी की थी। मुंबई हमले के समय उसकी उम्र महज दो वर्ष की थी। पिछले वर्ष 26/11 की बरसी पर पीएम मोदी ने उसको एक पत्र भी लिखा था।

आतंकियों ने लियोपार्ड कैफे में भी ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। इसके बाद उन्‍होंने एक टैक्‍सी में धमाका कर पांच पुलिसकर्मियों की हत्‍या कर दी थी। कसाब ने शिवाजी टर्मिनस में खूनी खेल खेलने के बाद कामा अस्‍पताल का रुख किया था। यहां पर कई पुलिस अधिकारियों की जान चली गई थी। बाद में इन्‍होंने एक पुलिस वैन पर कब्‍जा किया और सड़क किनारे मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इसकी फुटेज को भी टीवी पर करोड़ों लोगों ने देखा था। हालांकि बाद में आगे खड़े पुलिसकर्मियों ने इस वैन को रोक लिया। इन पुलिसकर्मियों में मौजूदा थे एएसआई तुकाराम ओंबले। उन्‍होंने कसाब को निहत्‍थे ही इतना कसकर पकड़ा कि वो उनकी पकड़ से निकल नहीं सका। हालांकि इसकी कीमत उन्‍हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी थी। कसाब इस हमले का एकमात्र ऐसा आतंकी था जिसको जिंदा पकड़ा गया था।

आतंकियों के एक ग्रुप ने ताज और ऑबरॉय होटल का रुख किया था। यहां पर आतंकियों ने जबरदस्‍त तबाही मचाई थी। उनके सामने जो आया उसको उन्‍होंने गोलियों से भून दिया था। ताज होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में इन आतंकियों का खूनी खेल कैद हुआ था। इसमें लोगों के चेहरों पर दहशत के वो पल साफ देखे जा रहे थे। यहां पर बाद में स्‍पेशल कमांडो ने मोर्चा संभाला। इसके अलावा चाबड़ हाउस के लिए के लिए एनएसजी कमांडो की टीम भेजी गई। हेलीकॉप्‍टर से इमारत पर उतरे इन कमांडोज को भी पूरी दुनिया ने टीवी पर देखा था। लगातार दोनों ही तरफ से गोलियां चल रही थीं। बाद में केंद्र की तरफ से इस ऑपरेशन की लाइव फुटेज दिखाने पर रोक लगा दी गई थी। ताज होटल में कमांडो कार्रवाई के दौरान कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। वहीं चाबड़ हाउस के आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। ताज होटल से भी आतंकियों का सफाया कर दिया गया था। बाद में एक-एक कर सुरक्षाकर्मियों और कमांडोज ताज होटल समेत सभी दूसरी जगहों को सुरक्षित करार दे दिया था।

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