मध्य प्रदेश : पानी की किल्लत दूर करने के लिए ग्रामीण महिलाओं ने किया यह कारनामा, 18 महीनों में दूर की समस्या

ग्रामीणों को पानी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था लेकिन अब उनकी ये समस्या काफी हद तक खत्म हो गई है। गांव की करीब 250 महिलाओं ने एक पहाड़ी को काटकर पानी के लिए रास्ता बनाया है जिससे होता हुआ पानी गांव के तालाब में जाता है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 12:40 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 12:40 PM (IST)
मध्य प्रदेश : पानी की किल्लत दूर करने के लिए ग्रामीण महिलाओं ने किया यह कारनामा, 18 महीनों में दूर की समस्या
गांव की 250 महिलाओं ने पानी की किल्लत से निपटने के लिए अनूठा कदम उठाया है।

छतरपुर, एएनआइ। मध्य प्रदेश के छतरपुर के अंगरोता गांव में पानी की समस्या से निपटने के लिए महिलाओं ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है। गांव की करीब 250 महिलाओं ने एक पहाड़ी को काटकर पानी के लिए ऐसा रास्ता बनाया है जिससे होता हुआ पानी उनके गांव के तालाब में जाता है। पानी की समस्या दूर करने के लिए इन महिलाओं को 18 महीने से भी ज्यादा का समय लगा है।

ग्रामीणों के मुताबिक इन लोगों को पानी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था लेकिन अब उनकी ये समस्या काफी हद तक खत्म हो गई है। एक स्थानीय महिला बबिता ने बताया कि हम पानी की समस्या को दूर करने के लिए 18 महीनों से काम रहे थे। अब जंगल में स्वतंत्र रूप से बह रहा पानी तालाब में जाएगा और गांव वाले इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने आगे बताया कि गांव की महिलाओं ने एक समूह बनाया और लगभग आधे किलोमीटर की लंबाई में पहाड़ी को काटने का फैसला किया और पानी को गांव के तालाब में पहुंचाने का रास्ता बनाया।

गांव में रहने वाली विविताबाई आदिवासी ने बताया कि हम यह सब अपने लिए कर रहे हैं। यहां पानी की समस्या रहती है। इस वजह से हम खेती नहीं कर पाते थे और हमें अपने रोजमर्रा के काम करने के लिए भी पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता था, जिसके लिए हम काफी संघर्ष करते थे। गांव की करीब 250 महिलाओं ने एक पहाड़ी को काटकर पानी के लिए रास्ता बनाया है। हमें इस काम को करने में 18 महीने से ज्यादा का समय लगा है।

इसके अलावा एक अन्य ग्रामीण राम रतन राजपूत ने कहा कि 18 महीने पहले इन महिलाओं ने जंगलों में स्वतंत्र रूप से बह रहे पानी का रुख गांव की तरफ करने का निर्णय लिया था। इसके लिए उन्होंने एक पहाड़ी को काटकर रास्ता बनाया। इसके अलावा महिलाएं पानी के रास्ते में आने वाले पत्थरों को हटाने का भी काम कर रही हैं।

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