तकनीक की मदद से जंगली हाथियों से बचाव के लिए किए गए उपाय, कई जगहों पर किया है भारी नुकसान

झारखंड और छत्तीसगढ़ के जंगली हाथियों का मध्य प्रदेश के सीधी जिले और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे गांवों में विचरण होता रहता है। हाथियों के झुंड अक्सर कच्चे मकान तोड़ देते हैं और लोगों को कुचल देते हैं।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 06:38 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 06:38 PM (IST)
तकनीक की मदद से जंगली हाथियों से बचाव के लिए किए गए उपाय, कई जगहों पर किया है भारी नुकसान
जंगली हाथियों का मध्य प्रदेश के सीधी जिले और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे गांवों में विचरण

संजय कुमार शर्मा, जबलपुर। मोबाइल की तकनीक से जनता को जंगली हाथियों से सुरक्षा मिल सकती है। यह मध्य प्रदेश में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे गांवों और सीधी जिले में संभव हुआ है। गांव-गांव में पांच-पांच युवाओं का समूह बनाकर उन्हें वाट्सएप से जोड़ा जा रहा है। इस ग्रुप के माध्यम से हाथियों के आने-जाने की सूचनाएं साझा की जा रही हैं। ग्रुप का इस्तेमाल इस तरीके से किया जा रहा है कि उसके संदेश लोगों के लिए सुरक्षात्मक हथियार बन जाएं। यह प्रयोग विधिवत रूप से सोमवार से यहां शुरू हो जाएगा।

मप्र में एलीफेंट कारिडोर नेटवर्क से गांवों की सुरक्षा

झारखंड और छत्तीसगढ़ के जंगली हाथियों का मध्य प्रदेश के सीधी जिले और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे गांवों में विचरण होता रहता है। हाथियों के झुंड अक्सर कच्चे मकान तोड़ देते हैं और लोगों को कुचल देते हैं। पिछले महीने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पनपथा रेंज में हाथियों ने एक महिला को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

वहीं, सीधी जिले के ग्राम खैरी में जंगली हाथियों के झुंड ने हमला किया, जिससे काफी नुकसान हुआ। इस तरह की लगातार बढ़ रही घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ग्राम स्तर पर रिस्पांस टीम बनाने और गांववालों को लगातार सूचनाएं देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही एलीफेंट कारीडोर नेटवर्क का विचार सामने आया।

यह किया जा रहा है

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों की मदद से हाथियों के विचरण मार्ग में पड़ने वाले गांवों के लोगों का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। हर गांव के पांच-पांच युवाओं को जोड़ा जा रहा है। ये पांच युवा आवश्यक मदद भी समय पर बुला सकेंगे। इन युवाओं को एक वाटसएप ग्रुप से जोड़ा गया है, जिसमें हाथियों के झुंड की हर घंटे की जानकारी अपडेट की जाएगी। इससे गांववासी खतरे से सावधान रहेंगे और संकट की स्थिति में पहले से तय उपायों का उपयोग कर सकेंगे। हाथियों के गांव की तरफ आने की सूचना मिलने के बाद उन्हें खदेड़ने के लिए मिर्ची पाउडर का उपयोग, पटाखे फोड़ना और आग लगाने जैसे उपाय ग्रामीण कर सकते हैं।

बांधवगढ़ के फील्ड डायरेक्टर विंसेंट रहीम ने कहा कि जंगली हाथियों से सुरक्षा के उपाय निरंतर किए जा रहे हैं। ग्रामीणों को समझाया भी जाता है और उन्हें सुरक्षा के उपाय भी बताए जाते हैं। अब उन्हें वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं ताकि हाथी नुकसान न पहुंचा सकें।

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