कोविड रोधी टीकाकरण के प्रति आमजन की लापरवाही से फिर बढ़ रही संक्रमण की आशंका

पिछले 15 दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो रोज डेढ़ से दो लाख लोग ही दूसरी डोज लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे में सरकार की चिंता बढ़ गई है। रोज नई-नई रणनीति तैयार की जा रही है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:01 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:01 AM (IST)
कोविड रोधी टीकाकरण के प्रति आमजन की लापरवाही से फिर बढ़ रही संक्रमण की आशंका
कोविड रोधी टीकाकरण के प्रति आमजन की लापरवाही से फिर बढ़ रही संक्रमण की आशंका। फाइल

संजय मिश्र। कोरोना के खिलाफ जंग में मध्य प्रदेश ने पूरे देश के सामने अनूठा उदाहरण पेश किया। एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण का रिकार्ड बनाकर उसने दिखा दिया कि इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। इसके लिए सरकार ने जिस तरह से नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की उससे पूरे देश में मध्य प्रदेश एक माडल के रूप में चर्चित हुआ। शहर से लेकर गांव तक सरकार की सजगता से चलाए गए जागरूकता अभियान का ही परिणाम रहा कि गुजरात जैसे राज्य को पीछे छोड़कर मध्य प्रदेश ने पूरे देश में टीकाकरण में पहला स्थान हासिल कर लिया।

इसी सजगता के कारण प्रदेश में 91 फीसद अर्थात 4.91 करोड़ लोगों को टीके की पहली डोज लग चुकी है। इस उपलब्धि के बावजूद हैरानी की बात है कि दूसरी डोज लगवाने को लेकर नागरिकों की बेपरवाही सरकार की चिंता बढ़ा रही है। कोरोना संक्रमण में आई कमी के कारण बढ़ी निश्चिंतता ने नागरिकों को इस तरह बेपरवाह किया है कि सरकार और प्रशासन की कोशिश के बावजूद दूसरी डोज लगवाने के लिए बड़ी संख्या में लोग सामने नहीं आए। अभी तक केवल 32 फीसद लोगों को ही टीके की दूसरी डोज लग पाई है।

कोरोना की दूसरी लहर ने मध्य प्रदेश सहित देश के लगभग सभी राज्यों में कहर बरपाया था। एक समय ऐसा भी था जब कोरोना की जांच कराने के लिए अस्पतालों में लंबी कतारें लग रही थीं। संक्रमितों की संख्या इस कदर बढ़ रही थी कि गंभीर मरीजों तक के लिए अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहे थे। जरूरी दवाओं एवं इंजेक्शन की किल्लत हो गई थी। हर तरफ निराशा फैली हुई थी। ऐसे समय में कोरोना से बचाव के लिए टीका ही संजीवनी बनकर सामने आया था। सरकार ने इस पर जोर दिया तो टीका लगवाने वालों की लंबी कतारें लगने लगीं। घंटों कतार में लगकर लोग टीके की पहली डोज लगवा रहे थे। यह भी एक सच्चाई है कि टीकाकरण बढ़ा तो कोरोना का संक्रमण कम हो गया है।

टीके की पहली डोज लगाने के मामले में मध्य प्रदेश जहां देश में अव्वल है, वहीं यह हैरान करने वाली बात है कि दूसरी डोज लगाने के मामले में उसे ऐसी उपलब्धि नहीं मिल पाई है। केवल 32 फीसद लोगों को दूसरी डोज लगने के कारण मध्य प्रदेश पूरे देश में पांचवें पायदान पर है। अब सरकार के सामने सभी को दोनों डोज लगाना सबसे बड़ी चुनौती है। माना जा रहा है कि जब तक सबको दूसरी डोज नहीं लग जाती तब तक कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टलने वाला नहीं है। ऐसे में सरकार ने 31 दिसंबर के पहले सभी को दोनों डोज लगाने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कह चुके हैं कि सरकार अब कोई बंदिश लगाने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे विकास की रफ्तार धीमी पड़ जाती है। लिहाजा, टीकाकरण बढ़ाकर तीसरी लहर को आने से रोकना है। ऐसे में सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कि सभी लोगों को दूसरी डोज 31 दिसंबर के पहले लग जाए। इसके लिए सरकार धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं एवं नागरिक संगठनों का सहयोग बढ़ाकर लोगों को दूसरी डोज लगवाने के लिए प्रेरित कर रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि टीके की पहली डोज लगवाने से सुरक्षा चक्र की शुरुआत तो हो जाती है, लेकिन कोरोना से पूरी तरह से सुरक्षित रहने के लिए हर हाल में दूसरी डोज लगवाना जरूरी है। प्रदेश में मौजूदा स्थिति में करीब 30 लाख ऐसे लोग हैं जिन्होंने अवधि निकलने के बाद भी दूसरी डोज नहीं लगवाई है। इसके अलावा लगभग 50 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी दूसरी डोज लगवाने का समय अभी चल रहा है, लेकिन वे टीका लगवाने के लिए नहीं आ रहे हैं।

31 दिसंबर तक लक्ष्य पूरा करने के लिए 5.31 लाख लोगों को रोज दूसरी डोज लगाने की जरूरत है। नागरिक भागीदारी बढ़ाने से ही यह लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। टीका नहीं लगवाने वालों को विभिन्न माध्यमों से संदेश दिए जा रहे हैं, क्योंकि सरकार को अपने सभी नागरिकों की चिंता है और इस मामले में वह लापरवाही नहीं बरत सकती है।

[स्थानीय संपादक, नवदुनिया, भोपाल]

chat bot
आपका साथी