MP में तबादले से नाराज आईएएस का फूटा गुस्सा, कलेक्टर पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, चैट हुआ वायरल
मध्य प्रदेश के एक आइएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ ने तबादले से नाराज होकर बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। यह आरोप आइएएस अधिकारियों की एसोसिएशन के वाट्सएस ग्रुप पर लगाए गए। पोस्ट वायरल हुई तो एसोसिएशन ने उन्हें ग्रुप से बाहर कर दिया।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के एक आइएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ ने तबादले से नाराज होकर बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। यह आरोप आइएएस अधिकारियों की एसोसिएशन के वाट्सएस ग्रुप पर लगाए गए। पोस्ट वायरल हुई तो एसोसिएशन ने उन्हें ग्रुप से बाहर कर दिया। वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादले से जुड़े संवाद को रिकॉर्ड करके अन्य अधिकारियों को भेजने के मामले में नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। चार साल में आठ ट्रांसफर
बड़वानी में 42 दिन अपर कलेक्टर रहे लोकेश जांगिड़ को 31 मई को भेजा गया था राज्य शिक्षा केंद्र में
जांगिड़ को शासन ने 20 अप्रैल 2021 को बड़वानी में अपर कलेक्टर बनाया था। फिर 31 मई को उनका तबादला भोपाल राज्य शिक्षा केंद्र में कर दिया। वे बड़वानी में मात्र 42 दिन ही अपर कलेक्टर रह पाए। इस संबंध में उन्होंने पिछले दिनों एसोसिएशन के वाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट कर कलेक्टर पर आरोप लगाया कि वे उनकी वजह से भ्रष्टाचार नहीं कर पा रहे थे, इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कान भरकर हटवा दिया।
जांगिड़ ने उनके परिवार को लेकर भी टिप्पणी की और लिखा कि वे सेवानिवृत्ति के बाद एक किताब लिखेंगे। अभी आचरण नियमों से बंधे हैं। इस पर एसोसिएशन अध्यक्ष आइसीपी केशरी ने पोस्ट हटाने के लिए कहा। जब जांगिड़ ने पोस्ट नहीं हटाई तो उन्हें ग्रुप से ही हटा दिया गया।
गौरतलब है कि जांगिड़ 2016 से फील्ड ड्यूटी पर हैं और 4 सालों में उनका 8 बार तबादला हो चुका है. यानि औसतन 6 महीने में उनका एक बार तबादला हुआ है। वो रेवेन्यू डिपार्टमेंट में अवर सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग में उपसचिव, एडीएम गुना, सीईओ हरदा, अपर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केंद्र के पदों पर रहने के बाद अपर कलेक्टर बड़वानी बनाए गए थे।
संवाद सार्वजनिक करना अनुशासनहीनता
उधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें नोटिस देकर जवाब-तलब किया है। दरअसल, जब जांगिड़ का बड़वानी से तबादला हुआ था तो सामान्य प्रशासन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फोन लगाकर उन्हें इसकी सूचना दी थी। उन्होंने इस संवाद को रिकॉर्ड कर कुछ अधिकारियों को भेज दिया। फोन रिकॉर्ड कर सार्वजनिक करने को सेवा आचरण नियम के तहत अनुशासनहीनता मानते हुए उनसे जवाब-तलब किया गया है। वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हर अधिकारी-कर्मचारी सेवा नियमों से बंधा है। इसकी अनदेखी और अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पोस्ट पर साधी चुप्पी, कहा- नोटिस की वजह दूसरी
जांगिड़ ने वाटसएप ग्रुप पर पोस्ट के विषय में चुप्पी साध ली है लेकिन उन्होंने माना कि सामान्य प्रशासन विभाग ने एक अन्य ऑडियो सार्वजनिक करने के मामले में नोटिस दिया है। इस बीच उन्होंने प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र जाने के लिए केंद्र सरकार को आवेदन कर दिया है। इसकी प्रति सामान्य प्रशासन विभाग को भी दी गई है।