मप्र: मिलावटी शराब से मौत पर दोषी को फांसी की सजा के प्रविधान पर कैबिनेट की मुहर, जानें- अन्य राज्यों में क्या है सजा
मप्र में अब मिलावटी या जहरीली शराब से मौत होने पर दोषी को फांसी और 25 लाख रुपये जुर्माना की सजा हो सकेगी। ऐसी शराब से शारीरिक क्षति पहुंचने की स्थिति में 10 से लेकर 14 साल का कारावास और न्यूनतम दस लाख रुपये जुर्माना का प्रविधान किया गया है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में मिलावटी (जहरीली) शराब के मामले और इससे मौत की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए शिवराज सरकार ने आबकारी अधिनियम में सजा के प्रविधानों को कठोर करने का निर्णय लिया है। अब मिलावटी या जहरीली शराब से मौत होने पर दोषी को फांसी और 25 लाख रुपये जुर्माना की सजा हो सकेगी। ऐसी शराब से शारीरिक क्षति पहुंचने की स्थिति में 10 से लेकर 14 साल का कारावास और न्यूनतम दस लाख रुपये जुर्माना का प्रविधान किया गया है। इन्हें लागू करने के लिए सरकार विधानसभा के नौ अगस्त से प्रस्तावित मानसून सत्र में आबकारी अधिनियम में संशोधन संबंधी विधेयक प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में संशोधन विधेयक के प्रारूप को अनुमोदित कर दिया गया। राज्य सरकार के प्रवक्ता व गृह मंत्री मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मदिरा की परिभाषा में देशी और विदेशी मदिरा के साथ हैरिटेज मदिरा की नई श्रेणी शामिल की गई है। अवैध शराब से जुड़े ऐसे अपराध, जिनके बारे में अधिनियम में उल्लेख नहीं है, उनमें जुर्माना की राशि एक हजार रुपये से बढ़ाकर दस हजार रुपये की गई है। कारावास की अवधि छह माह ही रहेगी।
मादक द्रव्य में हानिकारक, रंगीन व बाढ्ढह्य तत्व मिलाने पर जुर्माना की राशि तीन सौ रुपये से लेकर दो हजार तक को बढ़ाकर न्यूनतम तीन हजार से अधिकतम दो लाख रुपये प्रस्तावित किया गया है। शराब में मिलावट करने और उसके सेवन से शारीरिक क्षति या मृत्यु होने संबंधी अपराध में शामिल होने पर पहली बार और बार-बार इस तरह के काम को अंजाम देने के दोषी को न्यूनतम छह माह से लेकर फांसी (मृत्युदंड) तक की सजा हो सकती है।
अब ये होंगे प्रविधान
मानवीय उपयोग के लिए अनुपयुक्त अपमिश्रित मदिरा सेवन से शारीरिक क्षति पर पहली बार अपराध करने वाले को न्यूनतम चार माह और अधिकतम चार साल तक कारावास की जगह न्यूनतम दो साल और अधिकतम आठ साल का कारावास, न्यूनतम दो लाख रुपये जुर्माना। दूसरी बार या बार-बार अपराध करने पर न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम छह वर्ष का कारावास के स्थान पर न्यूनतम दस वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष तक कारावास, न्यूनतम दस लाख रुपये तक जुर्माना।
- मानवीय उपयोग के लिए अनुपयुक्त अपमिश्रित मदिरा सेवन से मृत्यु होने पर पहली बार अपराध करने वाले को न्यूनतम दो वर्ष और अधिकतम दस साल तक के कारावास के स्थान पर न्यूनतम दस वर्ष और अधिकतम आजीवन कारावास, न्यूनतम पांच लाख रुपये जुर्माना। दूसरी बार या बार-बार अपराध करने पर आजीवन कारावास या न्यूनतम पांच वर्ष से अधिक दस वर्ष तक के कारावास के स्थान पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड, न्यूनतम 25 लाख रुपये जुर्माना।
पंजाब में मृत्युदंड ,बिहार में उम्रकैद का प्रविधान
पंजाब में भी मिलावटी शराब बेचे जाने पर मृत्युदंड का प्रविधान है। बिहार सरकार ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की हुई है। इसके बावजूद वहां कोई शराब बेचता है और उससे जनहानि होती है तो उसे अधिकतम उम्रकैद का प्रविधान वर्ष 2018 में किया गया है।