Monsoon Update: मानसून की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगाएगा टाक्टे तूफान, बेहतर होगी इस बार बारिश

राहत की बात। मौसम विभाग और स्काईमेट वेदर के अनुसार मानसून की दस्तक में अभी करीब 12 दिन का समय शेष। हिंद महासागर में मेडन जूलियन ओशिलेशन वेव भी मानसून के पक्ष में हवाओं को कर रही मजबूत।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:10 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:10 PM (IST)
Monsoon Update: मानसून की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगाएगा टाक्टे तूफान, बेहतर होगी इस बार बारिश
Monsoon Update: मानसून की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगाएगा टाक्टे तूफान, बेहतर होगी इस बार बारिश

नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। देश के कई राज्यों में तबाही मचाने वाला टाक्टे तूफान मानसून की रफ्तार पर कोई ब्रेक नहीं लगा पाएगा। दक्षिणी पश्चिमी मानसून अपनी तय तिथि से एक-दो दिन पहले ही केरल में दस्तक दे देगा। इतना ही नहीं, इस साल मानसून की बारिश भी बेहतर होने की संभावना है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डा. एम महापात्रा बताते हैं कि टाक्टे तूफान और दक्षिणी पश्चिमी मानसून की दस्तक में करीब दो सप्ताह का अंतराल रहा है। यही अंतराल इस दिशा में फायदेमंद साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि मानसून के आगमन की पूर्व निर्धारित तिथि एक जून है, जबकि पूर्वानुमान है कि यह 31 मई तक ही केरल पहुंच जाएगा। हालांकि स्काईमेट ने 30 मई की संभावना जताई है। अब अगर टाक्टे की बात करें तो इसका असर दो दिन में ही पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इसलिए इससे मानसून का शेड्यूल या इसकी रफ्तार कुछ भी प्रभावित नहीं होगी। अगर यह तूफान मई के अंतिम सप्ताह में आता तो अवश्य ही मानसून की दस्तक को प्रभावित कर सकता था।

स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि मौजूदा समय में जो पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, उन्हें मानसून के पक्ष में दक्षिणी पूर्वी हवाओं में पुनर्सगठित होने के लिए करीब 10 दिन का समय मिल रहा है। इतना समय पर्याप्त है। दूसरी तरफ पश्चिम की ओर से पूर्व की तरफ पूरे ग्लोब से गुजरने वाली मेडन जूलियन ओशिलेसन वेव भी ¨हद महासागर से गुजर रही है। यह वेव सीधे तौर पर मानसून की मजबूती की परिचायक है। मानसून की दस्तक से पूर्व यह वेव दो-तीन बार ¨हद महासागर से गुजरती है। हर बार यह मानसून के सिस्टम को और मजबूती प्रदान करती है।

गौरतलब है कि इस आशय की संभावना मौसम विभाग और स्काईमेट वेदर पहले ही व्यक्त कर चुके हैं कि इस साल मानसून की बारिश सामान्य से अच्छी होगी। देश में 75 फीसद बारिश दक्षिण पश्चिम मानसून के कारण होती है। दीर्घावधि के हिसाब से इस बार औसत बारिश 98 फीसद तक होगी। हालांकि इसमें पांच फीसद की कमी या इजाफा हो सकता है।

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