Monsoon Update: इस महीने अन्न उत्पादक राज्यों पर छा जाएगा मानसून, अच्छी खेती की संभावनाएं
कृषि आयुक्त ने बताया कि खरीफ की बोआई पर फिलहाल कोई असर नहीं होगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। शुरुआती शिथिलता के बाद अब देश के प्रमुख अन्न उत्पादक राज्यों में मानसून की सक्रियता से खरीफ सीजन में अच्छी खेती की संभावनाएं बढ़ गई हैं। जून के आखिर तक मानसून मध्य, दक्षिण और और पूर्वी भारत पर छा जाएगा। इन राज्यों में यही वक्त खरीफ फसलों की बोआई का सबसे अच्छा समय होता है।
कृषि आयुक्त सुरेश कुमार मल्होत्रा का कहना है कि खरीफ फसलों की बोआई के लिए किसानों की जरूरतों के हिसाब से पूरा बंदोबस्त पहले ही कर दिया गया है। प्रमुख रूप से दलहन बीज किसानों तक पहुंच गया है। पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की किस्तें किसानों के खाते में जमा करा दी गई हैं।
कृषि आयुक्त मल्होत्रा ने बताया कि आमतौर पर खरीफ सीजन की फसलों की बोआई 20 जून से 15 अगस्त के बीच होती है। इस पर मानसून आने में एक सप्ताह की देरी का कोई असर नहीं पड़ेगा। वर्षा आधारित खेती वाले राज्यों में तटीय हिस्से को छोड़कर बाकी कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य महाराष्ट्र व विदर्भ जैसे पाकेट में थोड़ी देरी से होने वाली बारिश का कोई असर नहीं पड़ता है।
उन्होंने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के साथ उनका लगातार समन्वय है, जिससे पता चला है कि मानसून की बारिश व्यापक व समान रूप से हो रही है। इसका फायदा खेती को मिलेगा।
दलहन फसलों में उड़द जहां 90 दिन में तैयार होती है, वहीं मूंग जैसी फसल केवल 70 से 75 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। लेकिन मानसून की पहली बारिश के साथ ही अरहर की खेती हो जाती है, जिसे पकने में पांच महीने तक का समय लग जाता है।
मल्होत्रा ने कहा कि खरीफ की सबसे प्रमुख फसल धान है, जिसकी नर्सरी खेती में तैयार हो रही है। मानसून की बारिश होते ही रोपाई शुरू हो जाएगी।
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