केरल में सोना तस्करों पर कस सकता है मनी लांड्रिंग का शिकंजा, आतंकी गतिविधियों के फंडिंग की भी आशंका

पीएमएलए के तहत ईडी को सोना तस्करी से बनाई गई आरोपितों की सारी संपत्ति जब्त करने और बैंक खाते कब्जे में लेने का अधिकार है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 08:48 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 01:49 AM (IST)
केरल में सोना तस्करों पर कस सकता है मनी लांड्रिंग का शिकंजा, आतंकी गतिविधियों के फंडिंग की भी आशंका
केरल में सोना तस्करों पर कस सकता है मनी लांड्रिंग का शिकंजा, आतंकी गतिविधियों के फंडिंग की भी आशंका

नीलू रंजन, नई दिल्ली। केरल में सोना तस्करी के मामले में एनआइए की एफआइआर के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी सक्रिय हो गया है। सोना तस्करी के पीछे बड़ी साजिश की आशंका को देखते हुए ईडी मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर सकता है। पीएमएलए के तहत ईडी को सोना तस्करी से बनाई गई आरोपितों की सारी संपत्ति जब्त करने और बैंक खाते कब्जे में लेने का अधिकार है।

एफआइआर दर्ज होने के साथ ही एनआइए ने इस मामले में दो आरोपितों स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों को फिलहाल दो दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और सोमवार को उन्हें रिमांड पर भेजने के लिए सुनवाई होगी। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे इस पूरे मामले पर शुरू से नजर रखे हुए हैं और कस्टम्स के साथ-साथ एनआइए के अधिकारियों के साथ भी संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यूएई के डिप्लोमैटिक बैग में एक साथ 30 किलो सोना लाया जा रहा था, वह स्वप्ना सुरेश, संदीप नायर और सरीथ पीएस जैसे लोगों का काम नहीं हो सकता है। उनके अनुसार, यह एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का काम है, जिसमें ये लोग प्यादे हैं। उन्होंने कहा कि इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करना जांच एजेंसियों का मूल उद्देश्य होगा।

कश्मीर में आतंकियों से जुड़े होने से नहीं किया जा सकता इन्कार

ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने एनआइए की एफआइआर में आतंकवाद से संबंधित धाराएं जोड़ने का हवाला देते हुए कहा कि हो सकता है कि हवाला और बैंकिंग चैनल पर कड़ी निगरानी के बाद सोना तस्करी के रास्ते आतंकी फंडिंग का नया रास्ता निकाला गया हो। उनके अनुसार केरल में कट्टरपंथियों के तार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) से जुड़ने के सबूत पहले ही सामने आ चुके हैं। इनके तार कश्मीर में आतंकियों से जुड़े होने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। वहीं श्रीलंका में हुए आतंकी हमले के तार भी केरल और तमिलनाडु के कट्टरपंथियों से जुड़े होने के सबूत मिल चुके हैं। ऐसे में पूरे मामले को सिर्फ सोना तस्करी के रूप में देखना उचित नहीं होगा, बल्कि उसके सभी आयामों की जांच करनी होगी और ईडी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।

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