Ram Mandir Bhumi Pujan: भगवान राम के ननिहाल से मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचे फैज

कारसेवकपुरम में अत्यंत शांति और सादगी से पहुंचकर यह मिट्टी महंत शंभुदेवाचार्य को सौंपी गई। यहीं पर विभिन्न स्थानों से लाई गई मिट्टी और पावन जल को संग्रहित किया जा रहा है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 06:09 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 06:09 AM (IST)
Ram Mandir Bhumi Pujan: भगवान राम के ननिहाल से मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचे फैज
Ram Mandir Bhumi Pujan: भगवान राम के ननिहाल से मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचे फैज

रायपुर, मृगेंद्र पांडेय। भगवान राम के ननिहाल की मिट्टी लेकर गोभक्त मोहम्मद फैज खान मंगलवार शाम को अयोध्या पहुंच गए। फैज ने भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए कौशल्या माता मंदिर की मिट्टी साधू-संतों को सौंपी। भगवान राम के ननिहाल से पहुंचे फैज का संतों ने आगे बढ़कर स्वागत किया। फैज ने कहा कि भगवान श्रीरामचंद्र की कृपा से अयोध्याजी पहुंच गया। माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी दक्षिण कौशल (छत्तीसगढ़) की पावन माटी कारसेवकपुरम में भेंट कर दी है।

कारसेवकपुरम में अत्यंत शांति और सादगी से पहुंचकर यह मिट्टी महंत शंभुदेवाचार्य को सौंपी गई। यहीं पर विभिन्न स्थानों से लाई गई मिट्टी और पावन जल को संग्रहित किया जा रहा है। फैज ने कहा कि भगवान श्रीराम चंद्र की कृपा से संकल्प पूर्ण हुआ। फैज ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया से चर्चा में कहा, 'मैं भगवान श्रीरामचंद्र के निमंत्रण और आदेश पर माता कौशल्या धाम की पावन मिट्टी लेकर अयोध्याजी पहुंचा हूं। इरादे रोज बनते हैं, बन के बिगड़ जाते हैं, अयोध्या वही जाते हैं, जिन्हें राम बुलाते हैं। रायपुर से अयोध्या के मार्ग पर रामभक्तों ने खूब स्नेह दिया। भोजन, पानी, रात्रि विश्राम और आर्थिक सहयोग की व्यवस्था की।'

उन्‍होंने बताया कि रामकाज के लिए पैदल निकला, तो सबने कृपा की। जा पर कृपा राम की होही, ता पर कृपा करें सब कोई। श्रीराम तो शबरी, केवट, निषाद, हनुमान, गिलाहरी, जटायु सबके हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब पर उनकी कृपा बरसती है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि रामजी ने मुझे अपने काज के लिए चुना।

ननिहाल के साथ इन पावन स्थानों की सौंपी मिट्टी

फैज ने कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी, (रायपुर, छत्तीसगढ़), महामाया माता मंदिर (रतनपुर, छत्तीसगढ़), ज्वाला देवी मंदिर (धनपुरी, जिला शहडोल, मप्र), तुलसी माता मंदिर (छतरपुर, मप्र), महारानी लक्ष्मी बाई बलिदान स्थल (ग्वालियर, मप्र), दाता बंदीछोड़ गुरद्वारा (ग्वालियर, मप्र) किला की मिट्टी संतों को सौंपी।

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