सरकार ने 2014 से अब तक विभिन्न योजनाओं के तहत कपड़ा उद्योग और हथकरघा के जरिए रोजगार के निकाले अवसर

भारत सरकार देश में और विश्व स्तर पर कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं ला चुकी है। 2014 से अब तक सरकार नई योजनाओं से रोजगार के अवसर बढ़ रहीं हैं। इन सभी योजनाओं से कई लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया जाएगा।

By Avinash RaiEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:05 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:05 PM (IST)
सरकार ने 2014 से अब तक विभिन्न योजनाओं के तहत कपड़ा उद्योग और हथकरघा के जरिए रोजगार के निकाले अवसर
सरकार ने 2014 से अब तक विभिन्न योजनाओं के तहत कपड़ा उद्योग और हथकरघा के जरिए रोजगार के निकाले अवसर

नई दिल्ली, पीआइबी। भारत सरकार देश में और विश्व स्तर पर कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं ला चुकी है। 2014 से अब तक सरकार नई योजनाओं से रोजगार के अवसर बढ़ा रही है। इन सभी योजनाओं से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। 

सरकार द्वारा 2014 से अब तक इन योजनाओं के तहत कपड़ा उद्योग, हथकरघा को बढ़ावा और रोजगार के अवसर दिए गए:

1 - राज्य और केंद्रीय करों और लेवी (आरओएससीटीएल) की छूट: केंद्र सरकार ने मार्च 2019 में इस योजना को शुरू किया था। इस योजना के तहत लोगों को गारमेंट्स/मेड-अप्स के निर्यात पर राज्य और केंद्रीय करों और लेवी की छूट दी गई और यह छूट 31 जनवरी, 2020 तक लागू रही।

2- कपड़ा और परिधान क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज: यह विशेष पैकेज जून 2016 में लॉन्च किया गया था, जिसके तहत 6,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। इन पैसों से परिधान और मेड अप सेगमेंट में रोजगार और निर्यात क्षमता को बढ़ावा दिया गया। परिधान और मेड-अप के लिए राज्य शुल्क की छूट, रोजगार से जुड़ी सब्सिडी, ईपीएफ के लिए योगदान, निश्चित अवधि का रोजगार, ओवरटाइम कैप बढ़ाना जैसे मुद्दों के लिए यह विशेष पैकेज लॉन्च किया गया था।

3- संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना : इस योजना कि शुरुआत 2016 में हुई थी। इस योजना के तहत 2022 तक लगभग 95,000 करोड़ रुपये के नए निवेश और 35 लाख लोगों को रोजगार देने के लिए तैयारी की गई है। ​

4- समर्थ : कपड़ा क्षेत्र में कुशल जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कपड़ा क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना (एससीबीटीएस) लागू की गई है। इस योजना को मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया है।

5- पावरटेक्स इंडिया: इस योजना को 01 अप्रेल 2017 से 31 मार्च 2020 तक के लिए चलाया गया मगर इस योजना को मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया।

इस योजना में सादे पावरलूम, ग्रुप वर्क शेड योजना, यार्न बैंक योजना, कॉमन फैसिलिटी सेंटर जैसे घटकों का अपग्रेड शामिल है।

6- थकरघा क्षेत्र: सरकार ने इस योजना को 2014 से 2015 तक इस योजना को लागू रखा, जिसके तहत कच्चे माल, करघे और सहायक उपकरण की खरीद, डिजाइन नवाचार, उत्पाद विविधीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास, कौशल उन्नयन, प्रकाश इकाइयों, घरेलू हथकरघा उत्पादों के विपणन के लिए वित्तीय सहायता दी गई।

7- भारत हथकरघा ब्रांड योजना: देश में भारतीय हथकरघा उत्पादों का बढ़ावा देने के लिए पहले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर 7 अगस्त, 2015 को चेन्नई में प्रधानमंत्री द्वारा भारत का उद्घाटन और शुभारंभ किया गया था।

8- कपड़ा उद्योग कामगारों के आवास के लिए योजना : कपड़ा श्रमिकों के आवास की योजना 2014 में 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कार्यान्वयन के लिए 45 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य कपड़ा और परिधान उद्योग के श्रमिकों के लिए सुरक्षित, पर्याप्त और सुविधाजनक रूप से स्थित आवास प्रदान करना है। अक्टूबर, 2014 में ऐसी दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी।

9- जूट: कच्चे जूट की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए 2015 में इस परियोजना को शुरू किया गया था। इस परियोजना से देश के विभिन्न राज्यों के 1.9 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।

10- अनुसंधान और विकास के लिए योजना: पटसन सहित वस्त्र उद्योग के लिए अनुसंधान एवं विकास योजना को 2014-15 और 2018-19 तक के लिए चलाया गया। योजना को तीन प्रमुख घटकों के साथ पूर्ववत रूप में डिजाइन किया गया।

11- राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन: इस मिशन को सरकार 2020- 2021 और 2023-2024 चार साल के लिए चलाने वली है। इस अवधि में मिशन का फोकस सामरिक क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न प्रमुख मिशनों, कार्यक्रमों में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग पर विकास करना है। कृषि, जलीय कृषि, डेयरी, मुर्गी पालन, आदि में तकनीकी वस्त्रों का उपयोग। जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत में विनिर्माण और निर्यात गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा लागत अर्थव्यवस्था, जल और मिट्टी संरक्षण, बेहतर कृषि उत्पादकता और प्रति एकड़ भूमि वाले किसानों को उच्च आय में समग्र सुधार लाएगा।

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