पूर्वोत्तर के किसानों की मदद के लिए कदम उठाएगी मोदी सरकार, बायोटेक-किसान कार्यक्रम लाने की तैयारी

केंद्र की मोदी सरकार अब पूर्वोत्तर क्षेत्र में लघु एवं सीमांत किसानों खास तौर से महिलाओं की मदद की तैयारी कर रही है। मोदी सरकार अपने बायोटेक-किसान कार्यक्रम के तहत ये कदम उठाएगी। इसको लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 09:03 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 09:03 AM (IST)
पूर्वोत्तर के किसानों की मदद के लिए कदम उठाएगी मोदी सरकार, बायोटेक-किसान कार्यक्रम लाने की तैयारी
पूर्वोत्तर के किसानों की मदद करेगी मोदी सरकार।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में लघु एवं सीमांत किसानों, खास तौर से महिलाओं तक लाभ पहुंचाने के लिए खेतों को नवीन कृषि तकनीकों से जोड़ने की दिशा में काम करेगी। यह कदम सरकार अपने 'बायोटेक-किसान कार्यक्रम' के तहत उठाएगी। विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय ने बताया कि बायोटेक्नोलाजी विभाग ने अपने कार्यक्रम के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक विशेष पहल की शुरुआत की है। स्थानीय किसानों के मुद्दों को समझा जा सकेगा और उनकी समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान निकाला जा सकेगा।

मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा पहल खास तौर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र पर केंद्रित है, क्योंकि इस क्षेत्र की बड़ी आबादी पहले से ही कृषि पर निर्भर है। यहां कुल श्रमबल का 70 फीसद आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र या उससे जुड़े क्षेत्र में काम करता है। मंत्रालय ने कहा कि पूर्वोत्तर में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आय को बढ़ाने की संभावनाओं पर काफी काम किया जाना है। इस क्षेत्र में स्थान आधारित विशेष फसल को बढ़ावा देकर, बागवानी और पेड़ों से आय, मत्स्य एवं पशु उत्पादन संबंधी क्षेत्रों को बढ़ावा देना शामिल है।

सरकार किसानों से आधी रात को भी बात करने को तैयार

केंद्र सरकार ने कहा है कि वह किसानों से आधी रात को भी बात करने को तैयार है। पहले भी सरकार ने किसानों से कई बार बातचीत कर समस्या का हल निकालने का प्रयास किया है। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार है। कानून वापस लेने की मांग को छोड़कर कानून से संबंधित किसी भी प्रविधान पर सरकार, किसी भी किसान यूनियन से आधी रात को बात करने आ सकती है।

बता दें कि किसान संगठन, तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार का कहना है कि वह जरूरत के अनुसार इसमें सुधार कने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार ने कई बार संकेत दिए हैं कि किसान संगठनों को सिर्फ इन कानूनों को रद करने से इतर कानूनी बिंदुओं पर बात करनी चाहिए, तभी बात आगे बढ़ सकती है।

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