मोदी सरकार की बड़ी पहल- घायल को अस्पताल पहुंचाओ, पांच हजार पाओ

केंद्र सरकार ने नेक मददगार को पुरस्कार देने की योजना के लिए दिशानिर्देश जारी किए। मंत्रालय ने कहा कि इस योजना का मकसद आपातकालीन स्थिति में सड़क दुर्घटना पीडि़तों की मदद करने के लिए आम जनता को प्रेरित करना है। नकद पुरस्कार के साथ एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 07:57 AM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 07:57 AM (IST)
मोदी सरकार की बड़ी पहल-  घायल को अस्पताल पहुंचाओ, पांच हजार पाओ
यह योजना 15 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी होगी

नई दिल्ली, प्रेट्र। सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायलों की जान बचाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ी पहल की है। सड़क मंत्रालय सड़क दुर्घटना के पीडि़तों को गंभीर चोट लगने के एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पांच हजार रुपये नकद इनाम देगा। मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों और परिवहन सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि यह योजना 15 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी होगी।

मंत्रालय ने सोमवार को 'नेक मददगार को पुरस्कार देने की योजना' के लिए दिशानिर्देश जारी किए। मंत्रालय ने कहा कि इस योजना का मकसद आपातकालीन स्थिति में सड़क दुर्घटना पीडि़तों की मदद करने के लिए आम जनता को प्रेरित करना है। नकद पुरस्कार के साथ एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि इस पुरस्कार के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर 10 सबसे नेक मददगारों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

नया पोर्टल किया जाएगा शुरू

मंत्रालय इसके लिए नया पोर्टल शुरू करेगा, जहां पर जिला प्रशासन द्वारा हर महीने घायलों की मदद करने वाले नागरिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, घटना की जानकारी आदि का विवरण पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। यह जानकारी स्थानीय पुलिस या अस्पताल-ट्रामा सेंटर स्टाफ भी पोर्टल पर अपलोड कर सकेगा। प्रत्येक हादसे में मदद करने पर व्यक्ति को जिला प्रशासन द्वारा पांच हजार रुपये की नगद राशि दी जाएगी। एक साल में यह राशि अधिकतम पांच बार ही दी जा सकेगी।

हाल ही में लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान भारत में कुल 3,66,138 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1,31,714 मौतें हुईं।

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