देश को जल्द ही केरोसिन से निजात दिलाएगी मोदी सरकार
चालू वित्त वर्ष के दौरान ही केरोसिन सब्सिडी के तौर पर सरकार ने 4,555 करोड़ रुपये के प्रावधान किये हैं।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। हर घर को बिजली और तकरीबन छह करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने के बाद राजग सरकार एक ऐसा कदम उठाने जा रही है जो एक साथ ना सिर्फ देश में कालाबाजारी पर लगाम लगाएगा बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी बेहद उपयोगी साबित होगा। यह कदम होगा देश को केरोसिन से निजात दिलाना। साथ ही सरकार को केरोसिन सब्सिडी के तौर पर हजारों करोड़ रुपये की बचत भी होगी। चालू वित्त वर्ष के दौरान ही केरोसिन सब्सिडी के तौर पर सरकार ने 4,555 करोड़ रुपये के प्रावधान किये हैं।
बिजली मंत्री आर के सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि, ''हर घर को बिजली देने के बाद अब घरों को केरोसिन के धुएं से मुक्त करने का समय आ गया है। मैं जल्द ही खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान को पत्र लिखने वाला हूं जिससे आगे के लिए कदम उठाया जा सके।''
दरअसल, सरकार के पास पहले से ही यह डाटा तैयार है कि कितने घरों में राशन से केरोसिन की आपूर्ति होती है। अब जबकि देश के अधिकांश राज्यों के सभी घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ने का दावा कर रही है तो इस डाटा के आधार पर जिन घरों में बिजली गई है उन्हें अब केरोसिन की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। क्योंकि सरकार रोशनी के लिए ही ग्रामीण इलाकों में केरोसिन देती है। बिजली मंत्रालय का कहना है कि अब राजस्थान, असम, मेघालय समेत कुछ गिने-चुने राज्यों को छोड़ दिया जाए तो देश के तमाम राज्यों के घरों में बिजली पहुंच चुकी है। इन बचे हुए राज्यों के शेष घरों में भी फरवरी, 2019 के पहले हफ्ते तक बिजली पहुंच जाएगी।
वैसे देखा जाए तो देश में केरोसिन की खपत पहले से ही लगातार कम होती जा रही है। वर्ष 2005-06 में पूरे देश में 95.41 लाख मेट्रिक टन केरोसिन की खपत देश में हुई थी जो वर्ष 2018-19 के पहले 10 महीने में घट कर महज 26.29 लाख मेट्रिक टन रह गई है। पिछले तीन वर्षों में केरोसिन की खपत में सबसे तेजी से कमी हुई है। इसका श्रेय तेजी से बिजली कनेक्शन देने और उज्जवला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन देने को कहा जाता है। उज्जवला योजना के तहत छह करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मिला है। इनमें से अधिकांश परिवार केरोसिन पर ही खाना बनाते थे।
दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश, हरियाणा जैसे कई राज्य पहले से ही केरोसिन मुक्त हैं लेकिन संभवत: अगले वित्त वर्ष से देश के तमाम राशन की दुकानों से केरोसिन बिक्री बंद हो जाएगी। इस वजह से केरोसिन डीलरों की दुकानों पर भी ताला लगेगा। अभी देश में तकरीबन 6500 केरोसिन डीलर हैं। केरोसिन मुक्त होने का एक बड़ा असर यह होगा कि इसे डीजल में मिला कर बेचने का गोरखधंधा भी खत्म होगा। कुछ वर्ष पहले पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अध्ययन से पता चला था कि 41 फीसद केरोसिन का इस्तेमाल मिलावट के लिए किया जाता है।