लंबी कानूनी लड़ाई के बाद खत्म हुआ गलतफहमी में दर्ज कराया गया दुष्कर्म का केस

इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि तत्कालीन परिस्थितियों में कुछ गलतफहमी के कारण मामला दर्ज करा दिया गया था लेकिन अब दोनों पक्ष अच्छी शादीशुदा जिंदगी बिता रहे हैं ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 10:34 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:34 PM (IST)
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद खत्म हुआ गलतफहमी में दर्ज कराया गया दुष्कर्म का केस
सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों ने कहा- अब जी रहे हैं अच्छी शादीशुदा जिंदगी

नई दिल्ली, प्रेट्र। पीड़िता और आरोपित की दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट में 2013 में दर्ज कराई गई एक एफआइआर को खत्म करने का फैसला सुनाया है। दोनों पक्षों का कहना है कि कुछ गलतफहमी के कारण एफआइआर दर्ज करा दी गई थी। दोनों ने 2014 में शादी कर ली थी और तब से एक-दूसरे के साथ खुश हैं।

पीड़िता ने सितंबर, 2013 में एफआइआर दर्ज कराई थी। अक्टूबर, 2014 में दोनों ने शादी कर ली थी। उसके बाद से दोनों पक्ष सफदरजंग एनक्लेव पुलिस थाने में दर्ज एफआइआर खत्म कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने एफआइआर रद करने से इन्कार कर दिया था।

अब दोनों पक्ष बिता रहे अच्छी शादीशुदा जिंदगी

इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई थी। जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की। पीठ ने कहा, 'तत्कालीन परिस्थितियों में कुछ गलतफहमी के कारण मामला दर्ज करा दिया गया था, लेकिन अब दोनों पक्ष अच्छी शादीशुदा जिंदगी बिता रहे हैं। ऐसे में एफआइआर का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता है।'

पीठ ने कहा कि पूरे मामले को ध्यान में रखते हुए और न्याय के हित में एफआइआर खत्म करने के अनुरोध को स्वीकार किया जाता है। अदालत ने कहा कि एफआइआर दर्ज होने के बाद दोनों पक्षों का मतभेद दूर कर लेना और शादी कर लेना विवाद की बात नहीं है।

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