कोरोना काल में बिछड़े अपनों को लाखों नम आंखों ने किया याद, दैनिक जागरण की अपील पर कई राज्यों में सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन
जम्मू-कश्मीर हिमाचल पंजाब उत्तराखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ बिहार और झारखंड में घड़ी की सुइयां जैसे ही 11 पर पहुंचीं तो जो जहां था वहीं रुक गया और कोरोना के कारण संसार को अलविदा कहने वालों को मौन रहकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
जागरण टीम, नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने और पीड़ितों के स्वास्थ्य लाभ की कामना के लिए दैनिक जागरण की सर्व धर्म प्रार्थना की अपील पर सोमवार को उत्तर से लेकर पूर्व तक शहरों और गांवों में लाखों लोग कुछ पल के लिए थम गए। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में घड़ी की सुइयां जैसे ही 11 पर पहुंचीं, तो जो जहां था, वहीं रुक गया और कोरोना के कारण संसार को अलविदा कहने वालों को मौन रहकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सर्व धर्म प्रार्थना में खास-ओ-आम सभी हुए शामिल
संक्रमण से जूझ रहे लोगों के शीघ्रातिशीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों समेत विभिन्न पूजा स्थलों में प्रार्थना की गई। लोगों ने सिद्ध किया कि श्रद्धा, प्रार्थना और प्रकृति प्रेम के तत्व भारत के कण-कण में हैं। छोटे बच्चों ने भी नन्हें हाथ जोड़कर कोमल भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। खास-ओ-आम सभी शामिल हुए। इसके पहले उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया था।
मप्र: श्रद्धा से सराबोर रहे मन
मध्यप्रदेश में लोगों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया सर्व धर्म प्रार्थना ने। आवासीय परिसरों और दफ्तरों के अलावा सड़कों पर भी हर व्यक्ति का मन श्रद्धा से सराबोर था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने प्रार्थना में भाग लिया। भोपाल के न्यू मार्केट में धर्मगुरुओं ने प्रार्थना की तो थानों में पुलिसकर्मी भी पीछे नहीं रहे।
उत्तराखंड: देश के अंतिम गांव माणा से चीन-नेपाल सीमा तक प्रार्थना
देश के अंतिम गांव माणा (चमोली) से लेकर नेपाल सीमा से लगते पिथौरागढ़ और चीन सीमा से सटे उत्तरकाशी जिले के सुदूरवर्ती गांवों तक के निवासियों ने प्रार्थना की। चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में विशेष पूजा अर्चना की गई तो हरिद्वार व ऋषिकेश में मां गंगा का दुग्धाभिषेक किया। विशेष प्रार्थना, हवन, कीर्तन और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं।
झारखंड: जैसे ठहर गया वक्त
सर्व धर्म प्रार्थना में पूरा राज्य एक साथ श्रद्धा से नत दिखा। लाखों लोगों ने एक सुर, एक लय में प्रार्थना कर साबित यह साबित किया कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं। जिनके स्वजन कोरोना महामारी में बिछड़ गए, उन्होंने दिवंगत की स्मृति में पौधे लगाए। जो लोग संक्रमण से जूझ रहे हैं, उनके स्वस्थ होने की प्रार्थना कर पौधारोपण किया गया। अस्पताल प्रार्थना स्थल में तब्दील हो गए।
बिहार: मौन में छलक उठी संवेदना
आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादल और टिप-टिप करती बारिश की बूंदों के साथ जैसे एकाकार होतीं नम आंखें। संवेदना के भाव में लोग उनके लिए दुआएं कर रहे थे, जो कोरोना संक्रमण में हमसे दूर चले गए। विधानसभा अध्यक्ष से लेकर मंत्री, सांसद-विधायक, अधिकारी-कर्मी, नगर निकायों के जनप्रतिनिधि, सफाईकर्मी, छात्र-शिक्षक, डाॅक्टर-इंजीनियर, किसान-मजदूर सब शरीक हुए। हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई, बौद्ध, जैन हर धर्म के गुरु और अनुयायियों ने प्रार्थना की।
पंजाब: मन से छलके श्रद्धासुमन
धर्म-जाति, उम्र और परंपराओं को पीछे छोड़ते हुए लाखों लोगों ने एक साथ प्रार्थना की। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित राजनीतिक हस्तियों, अधिकारियों और आम नागरिकों ने प्रार्थना में भाग लिया।
हिमाचल: हर वर्ग के लोगों ने की प्रार्थना
घरों में, दुकानों में, कारखानों में, बसों में, सरकारी व निजी कार्यालयों में, अस्पतालों में हर वर्ग के लोगों ने प्रार्थना की। व्यस्ततम चौराहों पर लोग रुक गए। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हैदराबाद में प्रार्थना की। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के साथ प्रार्थना की और दैनिक जागरण की पहल की सराहना की।
छत्तीसगढ़: ठहर गया पूरा राज्य
अपनों को खोने का गम छत्तीसगढ़ के लोगों ने दो मिनट के मौन और सर्व धर्म प्रार्थना में महसूस किया। राज्यपाल अनुसूईया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत मंत्रियों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ हर वर्ग के लोगों ने मौन रखा।
जम्मू-कश्मीर: नमन को जुड़े हाथ
समाज के सभी वर्गों के लोगों ने जुड़कर कोरोना से मृत लोगों को श्रद्धांजलि देने और मरीजों के स्वास्थ्य लाभ की कामना की और सर्व धर्म प्रार्थना को सफल बनाया।